JNU, Jamia, IIT Cancels MoU With Turkish Univ.: भारत की जेएनयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाद अब आईआईटी ने भी तुर्की यूनिवर्सिटी के साथ अपने एमओयू को तोड़ दिया है। आईआईटी रुड़की ने तुर्की की इनोनू यूनिवर्सिटी से अपने शैक्षणिक समझौते को रद्द करते हुए कहा कि हम इस समय देश के साथ हैं। समझौते में दोनों संस्थानों के बीच छात्र और फैकल्टी आदान-प्रदान समेत शैक्षणिक और शोध सहयोग की शर्तें तय की गई थीं।
देश के अग्रणी संस्थानों में से एक आईआईटी रुड़की ने अपने बयान में कहा कि संस्थान देश के साथ खड़ा है और इस नाते वह तुर्की की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ अपने शैक्षणिक समझौते को तत्काल प्रभाव से खत्म कर रहा है। संस्थान ने आगे कहा कि हालांकि वह ग्लोबल रिसर्च सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन ऐसी साझेदारियों को रिसर्च और इनोवेशन के व्यापक उद्देश्यों का समर्थन करना चाहिए। संस्थान का यह एक्शन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के बीच इंटरनेशनल एकेडमिक संबंधों का रिवैल्यूएशन करने की व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है।
आईआईटी रुड़की के अलावा, आज लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने सारे एमओयू तुर्की और अजरबैजान के साथ खत्म कर दिए। यूनिवर्सिटी ने हाल के भारत-पाकिस्तान के बीच रहे तनाव में इन देशों द्वारा पाकिस्तान का समर्थन दिए जाने का हवाला देते हुए, तुर्की और अज़रबैजान के संस्थानों के साथ 6 शैक्षणिक साझेदारियों को औपचारिक रूप से खत्म कर दिया है।
सबसे पहले जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू (JNU) ने इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ अपने सभी MoU तोड़ दिए और कहा कि वह इस वक्त देश के साथ खड़ा है। यूनिवर्सिटी ने बताया कि फरवरी में 3 साल की अवधि के लिए साइन किए इस एमओयू का उद्देश्य कल्चर्र रिसर्च और छात्रों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था। इसके बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने भी तुर्की यूनिवर्सिटीज के साथ अपने सभी एकेडमिक समझौतों को रद्द कर दिया।
हैदराबाद स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) ने भी तुर्की के युनुस एमरे संस्थान (Yunus Emre Institute) के साथ किया गया शैक्षणिक समझौता तुरंत प्रभाव से रद कर दिया है। दरअसल इस MoU के तहत विश्वविद्यालय के भाषा विभाग में तुर्की भाषा में एक डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया था और इस कोर्स को पढ़ाने के लिए तुर्की से एक अतिथि प्रोफेसर को बुलाया गया था। लेकिन अब उस समझौते को रद्द करते हुए तुर्की के प्रोफेसर को वापस भेज दिया गया है।