Ketu Transit In Leo 2025: 18 मई 2025 को केतु ने सायं 4:30 बजे सिंह राशि में प्रवेश कर लिया। केतु का यह गोचर जीवन के कई क्षेत्रों जैसे करियर, स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और आध्यात्मिक प्रगति के परिवर्तन के योग बनाएगा। केतु एक छाया ग्रह है जो अध्यात्म, दिव्य अनुभूति, रहस्य और मोक्ष का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी गति हमेशा वक्री होती है यानी यह ग्रह हमेशा पिछली राशि की ओर चलता है। केतु एक राशि में 18 महीने तक रहता है। कुछ राशियों के लिए यह समय आध्यात्मिक स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करेगा और निर्णय क्षमता में वृद्धि होगी। लेकिन कुछ राशियों के लिए यह अशुभ फल देगा। आइए जानते हैं इस गोचर का सभी 12 राशियों पर शुभ अशुभ प्रभाव।
मेष राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर पंचम भाव में रहेगा, जो बुद्धि, संतान, उच्च शिक्षा का भाव है। इस दौरान आर्थिक लाभ, सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के योग बनेंगे। रिश्तों में मधुरता आएगी। रचनात्मक कार्यों और उच्च शिक्षा के लिए समय अनुकूल है।
वृषभ राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर चतुर्थ भाव में रहेगा जो माता, भूमि, वाहन का भाव है। यहां बैठकर केतु अशुभ प्रभाव ला सकते हैं। कार्यक्षेत्र में अवरोध, मानसिक भ्रम, अनावश्यक खर्च और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ सामने आ सकती हैं। वाहन या संपत्ति से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सतर्क रहना आवश्यक होगा।
मिथुन राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर तृतीय भाव में होगा, जो छोटे भाई बहिन, पराक्रम और इच्छाओं का भाव है। तीसरे घर में केतु शुभ प्रभाव देते हैं। इस अवधि में पराक्रम और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। मेहनत रंग लाएगी और अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। रोग और कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा और भूमि-वाहन सुख की प्राप्ति संभव है।
कर्क राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर द्वितीय भाव में होगा जो वाणी, धन संग्रह, कुटुंब का भाव है। द्वितीय भाव केतु शुभ फल देता है लेकिन इस गोचर के दौरान वाणी और धन का ध्यान रखने की जरूरत है। धन हानि के योग बन सकते हैं इसलिए खर्चों पर नियंत्रण रखें। कठोर वाणी रिश्तों में कड़वाहट ला सकती है।
सिंह राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर प्रथम भाव (लग्न) में होगा, जो स्वयं के व्यक्तित्व, शरीर का भाव है। लग्न में केतु सिंह राशि वालों के लिए संघर्ष बढ़ाएगा। पूजा पाठ, ध्यान और चिंतन संघर्ष को सफलता में बदलेगा। धार्मिक यात्राएं से लाभ मिलेगा।
कन्या राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर द्वादश भाव में होगा जो व्यय, शैय्या सुख, विदेश और मोक्ष का भाव है। स्वास्थ्य पर खर्च हो सकता है। विदेश यात्रा के योग बनेंगे लेकिन अनावश्यक खर्च भी बढ़ सकता है।
तुला राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर एकादश भाव में होगा जो लाभ, आय, बड़े भाई बहिनों का भाव है। एकादश भाव में केतु आय में वृद्धि करेंगे। संतान संबंधी चिंताएं दूर होंगी। कोई पुरानी इच्छा पूर्ति के योग बन सकते हैं।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर दशम भाव में होगा, जो करियर के लिए सकारात्मक रहेगा। आपकी बुद्धिमत्ता और रणनीति से असंभव कार्य भी संभव हो सकेंगे। कार्यक्षेत्र में नए अवसर मिल सकते हैं और सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
धनु राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर नवम भाव में होगा, जो धर्म, भाग्य, पिता का भाव है। नवम भाव स्थित केतु पूज्य होता है। इस गोचर से पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, लेकिन आप उन्हें अच्छी तरह निभा पाएंगे। बुजुर्गों या धार्मिक गतिविधियों से जुड़ाव बढ़ेगा। विदेश यात्रा या तीर्थ यात्रा के योग बन सकते हैं।
मकर राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर अष्टम भाव में रहेगा, जो आयु, हानि, अचानक लाभ का भाव है। अष्टम का केतु अधिकतर अशुभ फल देता है। इस दौरान कैरियर में उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा। द्वितीय भाव पर दृष्टि की वजह से पारिवारिक मतभेद की संभावना रहेगी। लेकिन अष्टम भाव में केतु गुप्त ज्ञान और दिव्य अनुभूति प्रदान करता है।
कुंभ राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर सप्तम भाव में रहेगा। अष्टम भाव में केतु व्यापार की दृष्टि से अच्छा रहेगा। लेकिन वैवाहिक जीवन में कुछ मतभेद रह सकते हैं। पूजा पाठ, ध्यान और साधना से केतु शुभ फल देंगे।
मीन राशि के जातकों के लिए केतु का यह गोचर षष्ठ भाव में होगा, जो रोग, शत्रु, कर्ज, दुर्घटना का भाव है। छठे घर में केतु शुभफलदायक रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होने की प्रबल संभावना है। नौकरी में आय वृद्धि और प्रमोशन के योग बनेंगे।