World Ozone Day 2025: हर साल 16 सितंबर विश्व ओज़ोन दिवस को समर्पित, इस दिन धरती की ढाल को सुरक्षित रखने का संकल्प लेना हर व्यक्ति का कर्तव्य।

World Ozone Day 2025: हर साल 16 सितंबर विश्व ओज़ोन दिवस को समर्पित, इस दिन धरती की ढाल को सुरक्षित रखने का संकल्प लेना हर व्यक्ति का कर्तव्य।
September 16, 2025 at 11:53 am

हर साल 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस (World Ozone Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी पृथ्वी को बचाने में ओज़ोन परत कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ओज़ोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट (UV) किरणों को रोकती है और जीवन को सुरक्षित रखती है। अगर यह परत खत्म हो जाए तो इंसानों, जानवरों और पौधों के जीवन पर गंभीर असर पड़ेगा।

ओज़ोन दिवस का इतिहास

1980 के दशक में वैज्ञानिकों ने पाया कि ओज़ोन परत धीरे-धीरे पतली हो रही है और अंटार्कटिका के ऊपर इसका एक बड़ा छेद बन चुका है। इसका कारण था क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) और अन्य रसायनों का बढ़ता प्रयोग, जो फ्रिज, एसी और स्प्रे जैसे उत्पादों में इस्तेमाल होते थे।

इसी खतरे को देखते हुए 1987 में दुनिया के देशों ने मिलकर “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल” पर हस्ताक्षर किए। इसे अब तक का सबसे सफल पर्यावरण समझौता माना जाता है। इस प्रोटोकॉल की बदौलत धीरे-धीरे ओज़ोन परत की मरम्मत होने लगी।

2025 की थीम

इस साल ओज़ोन दिवस की थीम है:

ओज़ोन परत की सुरक्षाजलवायु और जीवन के लिए ज़िम्मेदारी

इसका संदेश है कि हमें सिर्फ ओज़ोन परत ही नहीं बल्कि जलवायु और प्राकृतिक संसाधनों की भी रक्षा करनी होगी।

भारत में कार्यक्रम

भारत में पर्यावरण मंत्रालय, विभिन्न गैर-सरकारी संगठन और स्कूल-कॉलेज इस दिन को खास तरीके से मनाते हैं।

  • स्कूलों में जागरूकता अभियान: बच्चों को निबंध लेखन, पेंटिंग प्रतियोगिता और वर्कशॉप के जरिए समझाया जाता है कि ओज़ोन परत क्यों जरूरी है।
  • जनजागरूकता रैली: शहरों और कस्बों में रैली और वाद-विवाद कार्यक्रम होते हैं।
  • पर्यावरणीय पहल: कई संस्थाएं इस दिन पौधारोपण कार्यक्रम चलाती हैं ताकि ग्रीन कवर बढ़ाया जा सके।


ओज़ोन परत को नुकसान पहुंचने से क्या होता है?

अगर ओज़ोन परत कमजोर होती है तो:

  • त्वचा कैंसर और आँखों में मोतियाबिंद जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
  • फसलें और वनस्पति प्रभावित होती हैं, जिससे खाद्य संकट पैदा हो सकता है।
  • जलीय जीवन पर असर पड़ता है क्योंकि UV किरणें समुद्र की सतह पर रहने वाले छोटे जीवों को नुकसान पहुंचाती हैं।


हमें क्या करना चाहिए?

  • AC और रेफ्रिजरेटर का जिम्मेदारी से उपयोग करें और पुराने उपकरणों को सुरक्षित तरीके से निपटाएं।
  • सिंगलयूज़ प्लास्टिक से बचें और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाएं।
  • सार्वजनिक परिवहन और कारपूलिंग का इस्तेमाल करें ताकि ईंधन की खपत कम हो।
  • नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का समर्थन करें।
  • पेड़ लगाएं और ग्रीनरी को बचाएं।


निष्कर्ष

ओज़ोन दिवस हमें यह याद दिलाता है कि धरती पर जीवन तभी सुरक्षित रहेगा जब हम अपनी प्राकृतिक ढाल – ओज़ोन परत – की रक्षा करेंगे। यह सिर्फ सरकारों या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर इंसान को अपनी भूमिका निभानी होगी।