Solar Eclipse 2025: साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को मध्य रात्रि में, जानें भारत में दृश्यता, समय और धार्मिक महत्व ।

Solar Eclipse 2025: साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को मध्य रात्रि में, जानें भारत में दृश्यता, समय और धार्मिक महत्व ।
September 20, 2025 at 3:56 pm

इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगने जा रहा है। खगोल विज्ञान और धार्मिक मान्यताओं, दोनों दृष्टिकोण से यह एक बेहद महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी को ढक देता है। इस दौरान सूर्य का प्रकाश आंशिक या पूर्ण रूप से पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता।

सूर्य ग्रहण कब होगा?

  • भारतीय समयानुसार (IST) ग्रहण की शुरुआत 21 सितंबर 2025, रात 11:00 बजे होगी और यह अगले दिन सुबह 3:23 बजे समाप्त होगा।
  • ग्रहण का अधिकतम समय (पीक) 1:11 बजे रात अनुमानित है।

 
क्या यह भारत में दिखाई देगा?

  • नहीं। यह सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा।
  • ग्रहण केवल दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।


सूतक काल और धार्मिक नियम

  • चूंकि यह ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल भारत में लागू नहीं होगा।
  • इसके बावजूद ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण का कुछ नक्षत्रीय और ज्योतिषीय महत्व बना रहता है।


ज्योतिषीय महत्व और राशिफल

  • यह ग्रहण कन्या राशि में और पूर्व भद्रपदा नक्षत्र में पड़ रहा है।
  • ग्रहण के दौरान शुक्र और केतु की युति होने के कारण कुछ राशि वालों के लिए इसे अशुभ माना जा सकता है।
  • विशेष रूप से वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि वाले इस समय सावधानी बरत सकते हैं।


विशेष समय और दुर्लभ संयोग

  • इस ग्रहण की विशेषता यह है कि यह सर्वपितृ अमावस्या के समय शुरू होता है और उसी अमावस्या के दौरान समाप्त होता है।
  • ज्योतिषियों के अनुसार, इस तरह का संयोग पिछली बार 1903 में हुआ था।


ग्रहण के दौरान किए जाने योग्य धार्मिक कार्य

भले ही ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, परंपराओं के अनुसार इस समय कुछ आध्यात्मिक और धार्मिक कार्य लाभकारी माने जाते हैं:

  1. जप, ध्यान और प्रार्थना – मंत्रों का जप या पूजा करने से आध्यात्मिक लाभ बढ़ सकता है।
  2. दान और सहायता – गरीबों को भोजन, वस्त्र या अन्य सहायता देना शुभ माना जाता है।
  3. शुद्धिकरण कर्म – ग्रहण के समय या उसके बाद स्नान और घर की सफाई करना लाभकारी है।


संक्षेप

फिर भी, सर्वपितृ अमावस्या के साथ संयोग और ज्योतिषीय स्थिति के कारण इसका विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है। 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर रात 11:00 बजे से 22 सितंबर सुबह 3:23 बजे तक रहेगा। यह भारत से दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा।