बगोई माता मंदिर, देवास : मध्यप्रदेश के घने जंगलों में स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में चढ़ती है ये खास सब्जी, दर्शन मात्र से होते हैं सारे कष्ट दूर।

बगोई माता मंदिर, देवास : मध्यप्रदेश के घने जंगलों में स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में चढ़ती है ये खास सब्जी, दर्शन मात्र से होते हैं सारे कष्ट दूर।
September 23, 2025 at 4:09 pm

बगोई माता मंदिर, देवास: भारत के मध्य प्रदेश प्रांत के देवास जिले के घने जंगलों के बीच स्थित बगोई माता का प्राचीन मंदिर मां ब्रह्मचारिणी (Ma Brahmcharini) को समर्पित है, जो भक्तों के लिए नवरात्रि के दिनों में आस्था का केंद्र रहता है। यहां भोग के रूप में कद्दू (काशीफल) चढ़ाया जाता है। स्थानीय लोगों की बगोई माता (Bagoi Mata Mandir) के प्रति गहरी आस्था है। मान्यता है कि इस मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता और माता सभी की झोली भरती हैं।

बगोई माता का पूजन ब्रह्मचारिणी रूप में

नवरात्रि में मां के भक्त पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजन एवं उनकी आराधना का विशेष महत्व माना जाता है। शास्त्रीय मान्यतानुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करने से जीवन में तप, त्याग, सदाचार और संयम की शक्ति प्राप्त होती है।

दर्शन से होते हैं जीवन में चमत्कार

मध्यप्रदेश के घने जंगलों में स्थापित मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दराज से यहां पहुंचते है। माता के इस स्वरूप के दर्शन कर श्रद्धालु चमत्कार का अहसास करते हैं। मान्यता है कि पूरे श्रद्धा से मां के जो दर्शन करते हैं उन सबकी झोली मां खुशियों से भर देती हैं। यही कारण है यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ सुख-शांति, समृद्धि और जीवन में सफलता की कामना करते हुए माता के दर पर आकर माथा टेकते हैं।

मनोकामना पूरी होने पर मां को भक्त क्या चढ़ाते हैं?

बगोई माता के भक्त नंगे पांव माता के दरबार में पहुंचकर अपनी अर्जी लगाते हैं और मां से सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना करते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर मां के भक्त मेवा, मिश्री, पंचामृत और विशेष रूप से कद्दू का भोग अर्पित करते हैं। नवरात्रि में यहां दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लंबी कतारें लगती हैं।