Maa Mahagauri Temple : नवरात्रि त्यौहार मां भगवती दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। नौ दिन के इस त्यौहार में हर दिन मां के एक स्वरूप की आराधना होती है। मां के आठवें स्वरूप महागौरी को समर्पित एक मंदिर शिव की नगरी में स्थित है। नवरात्रि के इस पवित्र त्यौहार को भारत के हर गांव, शहर में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पूर्वी भारत में तो दुर्गा पूजा की गूंज ही निराली है।
मां महागौरी के मंगला दर्शन के लिए लगतीं हैं लंबी कतारें
आठवें दिन मां दुर्गा के ‘महागौरी’ रूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां महागौरी के भक्त दुर्गा मंदिरों में मंगला दर्शन के लिए रात से कतार में लग जाते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में होने वाले दर्शन को मंगला दर्शन कहते हैं। सुबह से देर रात तक दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।
मां महागौरी का मंदिर कहां है?
मां महागौरी को समर्पित यह मंदिर शिव की प्रिय नगरी वाराणसी में स्थित है। जिस पवित्र नगरी में महादेव का वास हो और मां महागौरी का न हो ऐसा संभव नहीं हो सकता।
काशी में स्थित महागौरी मंदिर की पौराणिक कथा
शिव की नगरी काशी में स्थित महागौरी मंदिर को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तप किया। इस तपस्या के चलते मां गौरी कृष्ण वर्ण हो गईं, लेकिन बाद में भगवान शिव ने मां के ऊपर गंगाजल छिड़का। जिससे मां का वर्ण गौर हो गया। तभी से मां पार्वती को महागौरी कहा जाने लगा और देवी काशी में हमेशा के लिए विराजमान हो गईं।
महागौरी मंदिर के दर्शन का महत्व
काशी में स्थित महागौरी का यह मंदिर लाखों करोड़ों भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। मान्यता है कि मां इस पवित्र मंदिर में जो भी सच्चे मन से मां का दर्शन करने पहुंचता है उसके सभी पाप कट जाते हैं और उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
लाल चुनरी और लाल फूल मां को हैं अति प्रिय
मान्यतानुसार, जो भक्त नवरात्र के दिनों में मां महागौरी को लाल रंग की चुनरी और फूल अर्पण करता है वो सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है। इसलिए चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में यहां देश भर से करोड़ों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।