गांधी जयंती 2025: महात्मा गांधी की 156वीं जयंती पर देशभर में श्रद्धांजलि, जानें बापू के आदर्शों का महत्व

गांधी जयंती 2025: महात्मा गांधी की 156वीं जयंती पर देशभर में श्रद्धांजलि, जानें बापू के आदर्शों का महत्व
October 2, 2025 at 12:04 pm

गांधी जयंती 2025 : आज पूरा देश और दुनिया के कई हिस्से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती मना रहे हैं। हर साल 2 अक्टूबर को भारत में गांधी जयंती राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाई जाती है। यह दिन केवल एक ऐतिहासिक स्मृति नहीं है, बल्कि यह बापू के सिद्धांतों, उनके विचारों और जीवन दर्शन को आत्मसात करने का अवसर है।

राजघाट पर श्रद्धांजलि

गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्री पारंपरिक रूप से राजघाट स्थित गांधी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। यहां सर्वधर्म प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें देशभर से नेता, समाजसेवी और आम नागरिक शामिल होते हैं। इसके अलावा राज्य स्तर पर भी जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

स्कूलों और कॉलेजों में विशेष आयोजन

देशभर के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में गांधी जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र-छात्राएं भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए गांधीजी के विचारों और संघर्षों को प्रस्तुत करते हैं। कई शैक्षणिक संस्थान ‘स्वच्छता अभियान’ और ‘पदयात्रा’ जैसे कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं ताकि गांधीजी की प्रेरणा नई पीढ़ी तक पहुंच सके।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गांधी जयंती

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने वर्ष 2007 में 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) घोषित किया था। इसका उद्देश्य पूरी दुनिया में शांति, सहिष्णुता और अहिंसा का संदेश फैलाना है। इस दिन न केवल भारत बल्कि कई विदेशी देश भी कार्यक्रम आयोजित करते हैं और गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हैं।

गांधीजी का जीवन और उनके सिद्धांत

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उन्होंने अपने पूरे जीवन में सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह को ही हथियार बनाया।

  • असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसी ऐतिहासिक लड़ाइयों के जरिए उन्होंने अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती दी।
  • गांधीजी का मानना था कि हिंसा केवल विनाश लाती है, जबकि अहिंसा और सत्य से ही स्थायी समाधान संभव है।
  • उनका प्रसिद्ध कथन था: आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी।


आज के समय में गांधीजी की प्रासंगिकता

आधुनिक दौर में जब समाज कई चुनौतियों से जूझ रहा है — जैसे हिंसा, प्रदूषण, असमानता और सामाजिक भेदभाव — ऐसे समय में गांधीजी के विचार पहले से भी ज्यादा प्रासंगिक हैं।

  • स्वच्छ भारत अभियान गांधीजी की स्वच्छता पर दिए गए बल का ही परिणाम है।
  • ग्राम स्वराज और आत्मनिर्भरता की उनकी सोच आज भी भारत के विकास मॉडल का हिस्सा है।
  • सत्य और नैतिकता पर उनका जोर राजनीतिक और सामाजिक जीवन में एक मार्गदर्शन प्रदान करता है।


निष्कर्ष
गांधी जयंती केवल राष्ट्रीय अवकाश या औपचारिक कार्यक्रम का दिन नहीं है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम महात्मा गांधी के विचारों और सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करने की प्रतिज्ञा ले सकते हैं। आज की पीढ़ी के लिए गांधीजी का जीवन एक प्रेरणादायी मार्ग है, जो हमें सिखाता है कि सत्य और अहिंसा ही मानवता की सबसे बड़ी शक्ति हैं।