बुध का तुला राशि में गोचर 2025 : बुध का तुला राशि में गोचर 2025: सौरमंडल के राजकुमार ग्रह बुध ने 3 अक्टूबर की सुबह 3:44 पर अपने मित्र शुक्र की राशि तुला में प्रवेश कर लिया है। 17 अक्टूबर को सूर्य के भी तुला राशि में आने से बुधादित्य राजयोग बनेगा। तुला राशि में बुध देव 24 अक्टूबर तक रहेंगे। उसके बाद मंगल की राशि वृश्चिक में संचरण करेंगे। बुध ग्रह द्विस्वभाव का ग्रह है जो वाणी, संचार, बुद्धि और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। बुध का तुला राशि में गोचर (Mercury Transit in Libra) कुछ राशियों के लिए शुभ और कुछ के लिए अशुभ फल देगा। आइये जानते हैं बुध का तुला राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव।
मेष राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
मेष राशि के जातकों के लिए तृतीयेश एवं षष्ठेश बुध का तुला राशि में गोचर सप्तम भाव में होगा। जो दांपत्य, साझेदारी, व्यापार का भाव है। यहां बैठकर बुध दांपत्य जीवन में मधुरता लायेंगे। साझेदारी के व्यापार में लाभ के योग बनेंगे।
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
वृषभ राशि के जातकों के लिए द्वितीयेश एवं पंचमेश बुध का तुला राशि में गोचर छठे भाव में होगा। जो शत्रु, कर्ज, चोट, नौकरी का भाव है। छठे भाव में बुध नौकरी में प्रमोशन के योग बनाएंगे। पत्नी/पति के स्वास्थ्य की चिंता बन सकती है। फिजूल खर्ची से बचें।
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों के लिए लगनेश एवं चतुर्थेश बुध का तुला राशि में गोचर पांचवें भाव में होगा। जो संतान, प्रेम, बुद्धि, प्रतियोगिता का भाव है। संतान के किसी प्रतियोगिता में सफल होने के योग हैं। लेकिन संतान के स्वास्थ्य के प्रति चिंता रह सकती है। शेयर मार्केट से लाभ संभव है।
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
कर्क राशि के जातकों के लिए तृतीयेश और द्वादशेष बुध का तुला राशि में गोचर चौथे भाव में होगा। जो माता, भूमि, वाहन का भाव है। चतुर्थ भाव में गोचर करते हुए बुध माता से मधुर संबंध रखेंगे। भूमि और भवन से लाभ के योग बनेंगे।
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
सिंह राशि के जातकों के लिए द्वितीयेश और एकादशेश बुध का तुला राशि में गोचर तीसरे भाव में होगा। जो पराक्रम, छोटे भाई बहिन और इच्छाओं का है। पराक्रम में वृद्धि के साथ साथ इच्छाओं की पूर्ति होगी। खर्चों पर नियंत्रण रखें।
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
कन्या राशि के जातकों के लिए लग्नेश और दशमेश बुध का तुला राशि में गोचर द्वितीय भाव में होगा। जो धन, वाणी, कुटुंब, स्वभाव और खान पान का है। द्वितीय भाव में रहकर बुध वाणी को तेजस्वी बनायेंगे। नौकरी और व्यवसाय में आय वृद्धि होगी। पैतृक संपत्ति से लाभ के योग बनेंगे।
तुला राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
तुला राशि के जातकों के लिए नवमेश और द्वादशेश बुध का तुला राशि में गोचर प्रथम (लग्न) भाव में होगा। जो हमारे शरीर, मुख और दादी का भाव है। प्रथम भाव में बुध को दिशा बल मिलने के कारण और मजबूत होकर शुभ फल देंगे। कार्यक्षेत्र में किसी खुशखबरी मिलने के योग हैं।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अष्टमेश और एकादशेश बुध का तुला राशि में गोचर द्वादश भाव में होगा। जो व्यय, भोग, विदेश का भाव है। बुध का द्वादश में गोचर फिजूलखर्ची को बढ़ावा दे सकता है। विदेश से लाभ के योग हैं।
धनु राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
धनु राशि के जातकों के लिए सप्तमेश और दशमेश बुध का तुला राशि में गोचर एकादश भाव में होगा। जो लाभ, आय, इच्छापूर्ति का है। एकादश में बुध का गोचर हर मायने में लाभकारी रहेगा। आपकी लंबे समय से चली आ रही इच्छा की पूर्ति का योग बनेगा।
मकर राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
मकर राशि के जातकों के लिए षष्ठेश एवं नवमेश बुध का तुला राशि में गोचर दशम भाव में होगा। जो कार्यक्षेत्र, राज्य, पिता का भाव है। बुध यहां बैठकर कार्यक्षेत्र में विशेष सफलता के योग बनाएंगे। सप्तमेश का उच्च होकर दशम भाव में बैठना व्यापार में भी वृद्धि के योग बनाएगा।
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
कुंभ राशि के जातकों के लिए पंचमेश एवं अष्टमेश बुध का तुला राशि में गोचर नवम भाव में होगा। जो भाग्य, धर्म, पिता का भाव है। बुध का नवम भाव में गोचर व्यापार और कैरियर में वृद्धि के योग बनाएगा। पिता का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा।
मीन राशि के जातकों के लिए बुध का तुला राशि में गोचर का प्रभाव
मीन राशि के जातकों के लिए चतुर्थेश एवं सप्तमेश बुध का तुला राशि में गोचर अष्टम भाव में होगा। जो आयु, शोध, अचानक हानि व लाभ का भाव है। अष्टम भाव में बुध व्यापार में अचानक लाभ के योग बनाएंगे। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। संतान को लेकर चिंता बन सकती है।
बुध को शुभ करने के उपाय
बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने और शुभ प्रभाव को और बढ़ाने के लिए –