दिल्ली की राजनीति में हलचल मचाने वाला फ्लैगस्टाफ रोड स्थित अरविंद केजरीवाल का आलीशान बंगला अब स्टेट गेस्ट हाउस में तब्दील किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने इस बंगले को सरकारी मेहमानों और जनता के उपयोग के लिए खोलने का फैसला लिया है। यह वही बंगला है जिसे लेकर पिछले सालों में “शीश महल” विवाद खड़ा हुआ था और जिसमें करोड़ों रुपये के नवीनीकरण खर्च को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को घेरा था।
कैसा होगा नया स्टेट गेस्ट हाउस
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने इस परियोजना पर विस्तृत खाका तैयार कर लिया है। प्रस्ताव के अनुसार, बंगले को आधुनिक अतिथि गृह के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां दिल्ली आने वाले राज्य अतिथि, वरिष्ठ अधिकारी और विशिष्ट व्यक्ति ठहर सकेंगे।
योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
अधिकारियों के मुताबिक, योजना को मुख्यमंत्री और शहरी विकास विभाग की मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा।
क्यों लिया गया यह फैसला
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, लंबे समय से यह बंगला खाली पड़ा था और केवल रखरखाव पर सरकारी खर्च हो रहा था। ऐसे में इसे सार्वजनिक उपयोग में लाने का निर्णय लिया गया ताकि दिल्ली सरकार की संपत्तियों का बेहतर उपयोग हो सके।
उन्होंने बताया, “यह निर्णय प्रशासनिक दृष्टि से सही है। इससे सरकारी आवासीय संपत्तियों का दुरुपयोग नहीं होगा और जनता के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी।”
पृष्ठभूमि: ‘शीश महल’ विवाद क्या था
यह वही बंगला है जिसने केजरीवाल सरकार को राजनीतिक संकट में डाल दिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान इस बंगले की मरम्मत और सजावट पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। कहा गया कि बंगले की दीवारों में इटालियन मार्बल, लक्ज़री झूमर, और उच्च गुणवत्ता वाले इंटीरियर्स का इस्तेमाल किया गया था।
इस खर्चे को लेकर विपक्षी दलों ने तीखा हमला किया था। भाजपा नेताओं ने इसे “शीश महल कांड” करार दिया था और कहा था कि आम आदमी पार्टी, जो सादगी की बात करती है, उसने जनता के पैसे से ऐशोआराम का महल बना लिया।
विजिलेंस विभाग ने 2022 में मामले की जांच शुरू की थी, जबकि 2024 में सीबीआई ने भी इस पर प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज की थी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: विपक्ष ने साधा निशाना
विपक्षी दलों का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक दबाव में लिया गया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने बयान जारी करते हुए कहा,
“केजरीवाल ने जिस बंगले को जनता के टैक्स के पैसे से शीश महल बनाया, अब वही सरकार उसे गेस्ट हाउस में बदलकर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही है।”
वहीं आम आदमी पार्टी ने इसे सकारात्मक निर्णय बताया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा,
“यह कदम बताता है कि हमारी सरकार जनता के हित में हर संपत्ति का बेहतर उपयोग करना चाहती है। जब किसी सरकारी संपत्ति का उपयोग नहीं हो रहा, तो उसे सार्वजनिक सुविधा में बदलना सही है।”
दिल्ली की अन्य सरकारी संपत्तियों पर भी नजर
जानकारों का मानना है कि दिल्ली सरकार अब अन्य निष्क्रिय सरकारी संपत्तियों को भी इसी तरह पुन: उपयोग में लाने की योजना बना रही है। उदाहरण के लिए, कई पुराने सरकारी क्वार्टर और गेस्ट हाउस लंबे समय से बंद पड़े हैं। यदि इन्हें भी आधुनिक रूप दिया जाए, तो राजस्व में वृद्धि और जनहित में सुविधा दोनों हो सकती हैं।
जनता के लिए कब खुलेगा बंगला
अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही सभी विभागों से स्वीकृति मिल जाएगी, मरम्मत और रूपांतरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि 2026 की शुरुआत तक यह बंगला दिल्ली स्टेट गेस्ट हाउस के रूप में पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
इसके बाद यहां आने वाले मेहमानों के लिए बुकिंग प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल का यह बंगला, जो कभी “शीश महल” विवाद का प्रतीक था, अब दिल्ली सरकार की नई सोच का प्रतीक बनने जा रहा है। यह फैसला एक ओर जहां राजनीतिक आलोचना को कम करने की कोशिश है, वहीं दूसरी ओर यह कदम राजधानी में सार्वजनिक संपत्तियों के उपयोग की नई दिशा भी दिखाता है।