प्रसिद्ध IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल पर ₹1.63 करोड़ का जुर्माना, कृषि संस्थान ने लगाया अनधिकृत आवास का आरोप

प्रसिद्ध IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल पर ₹1.63 करोड़ का जुर्माना, कृषि संस्थान ने लगाया अनधिकृत आवास का आरोप
October 9, 2025 at 3:14 pm

देश की चर्चित IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय कृषि संस्थान (NAARM), हैदराबाद ने नागपाल पर करीब ₹1.63 करोड़ की राशि का भुगतान करने की मांग की है। संस्थान का आरोप है कि नागपाल ने अपने पति के साथ बिना अनुमति के संस्थान के बंगले में कई वर्षों तक निवास किया।

क्या है पूरा मामला

रिपोर्ट के अनुसार, दुर्गा शक्ति नागपाल और उनके IAS पति अभिषेक सिंह ने NAARM के परिसर में स्थित एक सरकारी आवास में अनधिकृत रूप से निवास किया था। संस्थान का कहना है कि उनका यह ठहराव आधिकारिक अनुमति के बिना था, जिसके कारण इसे “अनधिकृत कब्जा” माना गया है।

ICAR के अनुसार, यह मामला कई वर्षों से लंबित था, और हाल ही में इसकी जांच पूरी होने के बाद ₹1.63 करोड़ की वसूली का आदेश जारी किया गया है। यह राशि बकाया किराया, मेंटेनेंस चार्ज और पेनल्टी के रूप में निर्धारित की गई है।

दुर्गा शक्ति नागपाल कौन हैं

दुर्गा शक्ति नागपाल 2013 में नोएडा में रेत माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आई थीं। उस समय उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था, लेकिन बाद में जनता के समर्थन और प्रशासनिक समीक्षा के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया।
वह वर्तमान में केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव (Joint Secretary) के पद पर कार्यरत हैं।

ICAR का पक्ष

संस्थान का कहना है कि दुर्गा शक्ति नागपाल को बंगले में रहने की कोई आधिकारिक स्वीकृति नहीं दी गई थी। जांच में पाया गया कि उन्होंने और उनके परिवार ने संस्थान की संपत्ति का “बिना अधिकार” उपयोग किया।
ICAR के अनुसार, यह निर्णय प्रशासनिक और वित्तीय नियमों के अनुरूप लिया गया है, और उन्हें अनधिकृत ठहराव के लिए जुर्माना चुकाना होगा।

नागपाल परिवार की प्रतिक्रिया

अब तक दुर्गा शक्ति नागपाल या उनके पति अभिषेक सिंह की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वे इस आदेश के खिलाफ कानूनी उपायों पर विचार कर रहे हैं।

पृष्ठभूमि और महत्व

यह मामला न केवल एक प्रशासनिक विवाद है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा आवास नियमों के उल्लंघन को लेकर संस्थान कितनी सख्ती से कार्रवाई करते हैं। दुर्गा शक्ति नागपाल जैसी लोकप्रिय और सिद्धांतवादी अधिकारी पर यह आरोप कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है।