दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे दिसंबर तक जनता के लिए खुलेगा, 6 राज्यों को मिलेगी बड़ी राहत: परिवहन मंत्रालय का ऐलान

दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे दिसंबर तक जनता के लिए खुलेगा, 6 राज्यों को मिलेगी बड़ी राहत: परिवहन मंत्रालय का ऐलान
October 29, 2025 at 11:56 am

Delhi Mumbai Expressway Update: देश की सबसे लंबी और हाईटेक एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में शामिल दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी खबर आई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने पुष्टि की है कि इस एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा पूरा हो चुका है और दिसंबर 2025 तक इसे आम जनता के लिए पूरी तरह खोल दिया जाएगा।

यह एक्सप्रेसवे न केवल दिल्ली और मुंबई को जोड़ेगा, बल्कि हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे छह राज्यों को भी तेज़ रफ्तार कनेक्टिविटी देगा।

8 लेन का सुपर एक्सप्रेसवे, जो बदलेगा भारत का ट्रैवल अनुभव

दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है। यह करीब 1,386 किलोमीटर लंबा और 8 लेन (आवश्यकतानुसार 12 लेन तक विस्तारित) का होगा।
परियोजना का उद्देश्य देश की दो प्रमुख आर्थिक धुरियों—दिल्ली और मुंबई—को सीधा और तीव्र मार्ग से जोड़ना है, जिससे यात्रा समय में लगभग 12 घंटे की कमी आएगी।

वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की यात्रा में औसतन 24 घंटे लगते हैं, जबकि एक्सप्रेसवे खुलने के बाद यह समय घटकर 12 घंटे से भी कम रह जाएगा।

6 राज्यों को मिलेगा सीधा फायदा

यह एक्सप्रेसवे छह राज्यों से होकर गुजरेगा —
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र।

  • हरियाणा के गुरुग्राम से शुरुआत होगी
  • राजस्थान के कोटा, अलवर और दौसा से होकर गुजरेगा
  • मध्यप्रदेश में रतलाम और मंदसौर जिले को जोड़ेगा
  • गुजरात में वडोदरा और भरूच से होते हुए
  • महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पास खत्म होगा

इससे इन राज्यों में औद्योगिक और पर्यटन गतिविधियों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

आधुनिक तकनीक से बना हरा (Green) एक्सप्रेसवे

दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे को पर्यावरण अनुकूल (Eco-Friendly) तरीके से तैयार किया जा रहा है।

  • सड़क के किनारे 10 लाख से अधिक पेड़ और पौधे लगाए जा रहे हैं।
  • सोलर-पावर-आधारित लाइटिंग सिस्टम लगाया गया है।
  • वाहन चालकों के लिए हर 30 किलोमीटर पर फ्यूल स्टेशन, रेस्ट एरिया, फूड कोर्ट, चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं होंगी।
  • यह देश का पहला एक्सप्रेसवे है जिसमें वन्यजीवों के लिए 8 किलोमीटर लंबा डेडिकेटेड कॉरिडोर (Animal Overpass) भी बनाया गया है।


कितना काम पूरा हो चुका है?

मंत्रालय के अनुसार, एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।
दिल्ली से दौसा, वडोदरा, सूरत और नागपुर के पास तक के कई सेक्शन पहले ही आंशिक रूप से शुरू किए जा चुके हैं।
बाकी के हिस्से दिसंबर तक तैयार कर दिए जाएंगे, जिसके बाद पूरा मार्ग जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

आर्थिक और सामाजिक लाभ

विशेषज्ञों का कहना है कि इस परियोजना से न सिर्फ लोगों की यात्रा का समय घटेगा बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा लाभ होगा।

  • लॉजिस्टिक्स लागत में लगभग 12% तक की कमी आएगी
  • औद्योगिक और कृषि उत्पादों की डिलीवरी स्पीड बढ़ेगी
  • रोजगार सृजन में 1 लाख से अधिक नौकरियों की संभावना
  • छोटे कस्बों और गांवों को बिजनेस और टूरिज्म से जोड़ने में मदद मिलेगी


एनएचएआई की निगरानी में तेजी से काम

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस परियोजना की मॉनिटरिंग कर रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, गुणवत्ता, सुरक्षा और सस्टेनेबिलिटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हर सेक्शन की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जा रही है ताकि समय पर डिलीवरी सुनिश्चित हो सके।

केंद्रीय मंत्री का बयान

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे “भारत की प्रगति का प्रतीक” बनेगा।
उन्होंने कहा,

“इस परियोजना के पूरा होने के बाद देश में यात्रा का नया युग शुरू होगा। दिल्ली से मुंबई की दूरी केवल 12 घंटे में तय होगी, और यह भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देगा।”

निष्कर्ष

दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर रेवोल्यूशन का प्रतीक है।
इसके शुरू होते ही न केवल दिल्ली और मुंबई करीब आएंगे, बल्कि देश के छह राज्यों को भी एक नई आर्थिक रफ्तार मिलेगी।
यदि सब कुछ तय समय पर चला, तो दिसंबर 2025 तक यह एक्सप्रेसवे जनता के लिए पूरी तरह खुल जाएगा।