मायावती पर उदित राज का बड़ा आरोप: यूपी के बाद अब बिहार में बीजेपी को मजबूत करने में जुटीं बसपा सुप्रीमो

मायावती पर उदित राज का बड़ा आरोप: यूपी के बाद अब बिहार में बीजेपी को मजबूत करने में जुटीं बसपा सुप्रीमो
November 2, 2025 at 6:13 pm

Lucknow News: कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित रैली को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने बसपा प्रमुख मायावती पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मायावती अब सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि बिहार में भी बीजेपी को चुनाव जिताने का ठेका ले चुकी हैं।

उदित राज ने आरोप लगाया कि मायावती मुसलमानों को जोड़ने की बातें जरूर करती हैं, लेकिन दलितों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर कभी आवाज नहीं उठातीं।

बसपा की रैली से बढ़ी सियासी सरगर्मी

13 साल से सत्ता से बाहर चल रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए 8 अक्टूबर का दिन खास रहा. करीब 9 साल बाद मायावती ने अपने समर्थकों को बुलाया और कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में बड़ी रैली की. इस रैली ने कार्यकर्ताओं में फिर से उम्मीद की किरण जगाई।

हालांकि, मायावती की इस सक्रियता से कांग्रेस और सपा समेत पूरा विपक्ष बेचैन नजर आ रहा है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस ने मायावती पर हमला करने के लिए दलित नेता उदित राज को आगे किया है।

उदित राज ने लगाए गंभीर आरोप

पूर्व सांसद उदित राज ने कहा,

“बसपा की रैली सिर्फ एक दिखावा थी, असली मकसद बिहार में बीजेपी को फायदा पहुंचाना था.”

उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती ने पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी को चुनाव जिताने में मदद की, और अब उन्होंने बिहार का ठेका भी ले लिया है।

दलितों और मुसलमानों पर चुप्पी पर सवाल

उदित राज ने आगे कहा कि मायावती मुसलमानों को साथ लाने की बातें करती हैं, लेकिन उन्होंने कभी उमर खालिद, शरजील इमाम, इमरान हैदर और गुलफिशा फातिमा जैसे लोगों की जमानत के लिए आवाज नहीं उठाई।

उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, लेकिन मायावती इस पर खामोश हैं. यहां तक कि एडीजी वाई पूरन कुमार की हत्या पर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा।

क्यों मची है विपक्ष में हलचल?

हाल ही में लखनऊ में बसपा की राष्ट्रीय बैठक हुई, जिसमें पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने और 2026-27 विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करने पर चर्चा हुई।

बैठक में मायावती ने दलित-मुस्लिम गठजोड़ को पुनर्जीवित करने की बात कही और भाईचारा समितियों के गठन का निर्देश दिया, जिनमें एक दलित और एक मुस्लिम सदस्य होंगे।

इसके साथ बसपा ने फैसला लिया कि अब कैडर बैठकों में फंड एकत्र करने की पुरानी प्रथा समाप्त की जाएगी. मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी की विचारधारा और जनाधार को दोबारा मजबूत करना ही अब प्राथमिक लक्ष्य है।

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