मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध कालभैरव मंदिर में शुक्रवार शाम बड़ा विवाद हो गया। भीड़ नियंत्रित करने के दौरान सुरक्षाकर्मियों और श्रद्धालुओं के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि विवाद हाथापाई तक पहुँच गया। इस दौरान महिला श्रद्धालुओं को धक्का देने और उनसे बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करने लगे। हालांकि, दोनों पक्ष बाद में थाने पहुँचे, लेकिन किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई।
महिला भक्तों से हाथापाई, बुजुर्ग को भी दिया धक्का
शाम करीब 5 बजे भारी भीड़ के बीच यह विवाद हुआ। वीडियो में साफ दिख रहा है कि सुरक्षाकर्मी महिला श्रद्धालुओं के हाथ पकड़कर उन्हें लाइन से बाहर धकेल रहे हैं।
कुछ बुजुर्ग महिलाएँ एक-दूसरे को बचाने की कोशिश करती नज़र आईं, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा। इससे भक्तों में भारी नाराजगी देखने को मिली।
स्थानीय श्रद्धालुओं का आरोप है कि कालभैरव मंदिर में इस तरह की घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं, परंतु प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई नहीं करता।
महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु हुए शामिल
थाना प्रभारी आर.एस. शक्तावत के मुताबिक पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र से आए लगभग 40 लोगों का दल महाकाल दर्शन के बाद कालभैरव मंदिर पहुँचा।
भीड़ अधिक थी, इसलिए कर्मचारी सभी से तेज़ी से दर्शन करने और लाइन आगे बढ़ाने का आग्रह कर रहे थे। इसी दौरान महिलाओं और कर्मचारियों में बहस हो गई और देखते ही देखते बात हाथापाई तक पहुँच गई।
विवाद के बाद दोनों पक्ष भैरवगढ़ थाने पहुँचे, लेकिन किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं कराई।
पहले भी सुर्खियों में रहा है कालभैरव मंदिर का सुरक्षा प्रबंधन
यह कोई पहला मामला नहीं है। वर्ष 2024 में भी इसी मंदिर में चार गार्ड्स द्वारा एक श्रद्धालु को बेल्ट और डंडों से पीटने का वीडियो सामने आया था। तब भी मंदिर के बाहर लंबा विवाद हुआ था और भीड़ ने सुरक्षा व्यवस्था पर जमकर नाराजगी जताई थी।
मंदिर प्रशासन पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन व्यवस्था सुधार के दावे सिर्फ कागजों में ही रह जाते हैं।
कैसे भड़का विवाद?