राजस्थान के भरतपुर में पुलिस ने निवेश के नाम पर चल रहे एक बड़े ऑनलाइन ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जांच में अब तक 3600 करोड़ रुपए के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का खुलासा हुआ है, जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड संदीप अभी विदेश में फरार बताया जा रहा है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह रैकेट सिर्फ आम नागरिकों को ही नहीं, बल्कि कई पुलिसकर्मियों को भी ठगी का शिकार बना चुका है, जिससे मामला बेहद गंभीर हो गया है।
कैसे खुला पूरा मामला? सब इंस्पेक्टर खुद बन गया शिकार
यह हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड तब सामने आया जब भरतपुर का एक सब इंस्पेक्टर ही इस फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म में फंस गया और अपने साथ हुई ठगी की शिकायत उसने वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
इसके बाद भरतपुर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर इस छिपे हुए ऑनलाइन नेटवर्क तक पहुंच बनाई।
कैसे चल रहा था 3600 करोड़ का ठगी नेटवर्क?
पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद के अनुसार, रैकेट बेहद उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर रहा था। गिरोह की कार्यप्रणाली कुछ इस प्रकार थी—
अब तक सामने आए 3600 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन इस बात का प्रमाण हैं कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और बड़ी संख्या में लोगों को निशाना बना चुका है।
पांच आरोपी गिरफ्तार, कई खुलासे
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस का दावा है कि—
इसी वजह से पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आधिकारिक तौर पर पत्र भेजकर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है।
फरार मास्टरमाइंड संदीप की तलाश तेज
मास्टरमाइंड संदीप देश छोड़कर भाग चुका है और उसकी लोकेशन विदेश में ट्रेस हुई है। पुलिस ने—
पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही संदीप को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आगे क्या? और बड़े खुलासों की आशंका
पुलिस का मानना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई और बड़े नामों के सामने आने की पूरी संभावना है।
यह मामला पूरे राज्य के लिए एक बड़ा अलर्ट है कि कैसे फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए आम लोगों से लेकर सिस्टम के भीतर मौजूद कर्मियों तक को निशाना बनाया जा रहा है।