ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर आया बड़ा अपडेट! दिसंबर 2028 तक दौड़ेगी ट्रेन, तस्वीरें देख आपका रोम-रोम खिल उठेगा

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर आया बड़ा अपडेट! दिसंबर 2028 तक दौड़ेगी ट्रेन, तस्वीरें देख आपका रोम-रोम खिल उठेगा
November 22, 2025 at 4:57 pm

भारत तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज के उद्घाटन के बाद अब भारतीय रेलवे उत्तराखंड में देश की सबसे लंबी रेलवे टनल और बेहद चुनौतीपूर्ण रेलवे लाइन के निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक बनने वाली ब्रॉड गेज रेल लाइन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। इस प्रोजेक्ट से जुड़ी ताज़ा तस्वीरें भी जारी हुई हैं, जिन्हें देखकर हर उत्तराखंडी और चारधाम यात्री खुशी से झूम उठेगा।

दिसंबर 2028 तक कर्णप्रयाग पहुंचेगी ट्रेन

अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता रहा तो रेलवे ने कर्णप्रयाग तक ट्रेन पहुंचाने की संभावित तारीख दिसंबर 2028 बताई है। इससे पहले प्रोजेक्ट की समय सीमा कई बार बढ़ाई गई थी, लेकिन अब काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

125 किमी लंबी लाइन में 105 किमी सुरंगदेश की सबसे लंबी रेलवे टनल

ऋषिकेशकर्णप्रयाग न्यू BG रेल लाइन की कुल लंबाई 125.20 किलोमीटर है।
सबसे खास बात यह है कि:

  • लगभग 105 किमी हिस्सा सुरंगों के अंदर से गुजरेगा।
  • यह भारत की सबसे लंबी रेलवे टनल प्रणाली होगी।
  • रेलवे का दावा है कि इस रूट से सफर महज 2 घंटे का रह जाएगा।
  • अभी सड़क मार्ग से यही दूरी तय करने में लगभग 7 घंटे लगते हैं।

यानी समय, ईंधन और यात्रा की मुश्किलें—तीनों पर बड़ी राहत मिलेगी।

सुरंग निर्माण का 94% कार्य पूरा

रेल मंत्रालय ने एक्स (Twitter) पर अपडेट साझा करते हुए बताया:

  • कुल 213 किमी टनल निर्माण में से लगभग 201 किमी का काम पूरा हो चुका है।
  • अब सिर्फ लगभग 10 किमी की खोदाई बाकी है।
  • जल्द ही प्रोजेक्ट के तीन महत्वपूर्ण टनलों का ब्रेकथ्रू पूरा हो जाएगा।


12 नए रेलवे स्टेशन बन रहे, दो पूरी तरह तैयार

परियोजना में कुल 12 रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे हैं:

तैयार स्टेशन:

  • वीरभद्र
  • योगनगरी ऋषिकेश (यहां से ट्रेनें चल भी रही हैं)

निर्माणाधीन स्टेशन:

  • शिवपुरी
  • ब्यासी

टेंडर प्रक्रिया में:

  • देवप्रयाग
  • जनासू
  • मलेथा
  • श्रीनगर

इन स्टेशनों के निर्माण पर लगभग 163.45 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

पैकेज-3 के तहत:

  • धारी देवी
  • तिलनी
  • घोलतीर
  • गौचर

इन चार स्टेशनों के लिए 126.16 करोड़ रुपए की लागत तय की गई है।

कर्णप्रयाग बनेगा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन—26 रेल लाइनें होंगी

परियोजना का सबसे बड़ा स्टेशन कर्णप्रयाग होगा, जहां:

  • कुल 26 रेल लाइनें बिछाई जाएंगी
  • इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

यह उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन बनने की दिशा में है।

कौनकौन सी टनल अभी बाकी?

तीन टनल्स की खोदाई अभी जारी है, जिनमें शामिल हैं:

  • ढालवाला से नीरगड्डू
  • कौडियाला से शिवमूर्ति (तीनधारा के पास)
  • नरकोटा से घोलतीर

इनमें मुख्य और एस्केप टनल दोनों बनाई जा रही हैं—यानी कुल 6 ब्रेक-थ्रू होने बाकी हैं।

चारधाम यात्रियों को मिलेगा बड़ा फायदा

यह परियोजना उत्तराखंड के पांच प्रमुख जिलों को जोड़ती है, और इसके पूरा होते ही:

  • बद्रीनाथ-केदारनाथ की यात्रा सुगम हो जाएगी
  • पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी
  • स्थानीय लोगों को देश के अन्य शहरों तक सीधी और तेज पहुंच मिलेगी
  • आपदा के समय राहत कार्य तेज हो पाएंगे


निष्कर्ष

ऋषिकेशकर्णप्रयाग रेल लाइन उत्तराखंड की सबसे बड़ी और तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। तेज रफ्तार से काम चल रहा है और उम्मीद है कि दिसंबर 2028 तक ट्रेन कर्णप्रयाग पहुंच जाएगी। इसकी तस्वीरें और अपडेट देखकर पहाड़ के लोग गर्व और उत्साह से भर गए हैं।