बदलने लगती है
मार्गशीर्ष महीने की अंतिम पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर और 5 दिसंबर दोनों दिन है। हिंदू परंपराओं में बेहद शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ, दान-पुण्य और विशेष उपाय जीवन में शांति, समृद्धि और तरक्की लाते हैं। महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य के अनुसार यह पूर्णिमा भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय है और इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना प्राप्त होता है।
लक्ष्मी–नारायण पूजा से बढ़ती है खुशहाली
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा को लक्ष्मी और नारायण की विधि-विधान से पूजा करने से घर में धन-धान्य, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह साल की अंतिम पूर्णिमा भी होती है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करें स्नान और सूर्य अर्घ्य
इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने से पूरे दिन मन शांत रहता है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
घर में करें पूजा और विष्णु चालीसा का पाठ
घर के स्वच्छ स्थान पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा स्थापित करें। चंदन, फूल और दीपक से पूजा करें और माता लक्ष्मी को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। पूजा के बाद विष्णु चालीसा पढ़ना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
पीपल के नीचे तिल का दीपक—रुके काम होने लगते हैं पूरे
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर आटे का दीपक बनाकर उसमें तिल का तेल भरें और सुबह पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। माना जाता है कि यह उपाय आर्थिक बाधाओं को दूर करता है और रुके हुए कामों में तेजी से प्रगति होती है।
5 खास उपाय जो बदल सकते हैं किस्मत
लोक मान्यताओं के अनुसार इन उपायों से घर में शांति, परिवार में सुख और जीवन में सफलता बढ़ती है।