ग्रेटर नोएडा के डाबरा गांव में शहीद सुरेश सिंह भाटी की बेटी का विवाह पूरे क्षेत्र के लिए एक अविस्मरणीय क्षण बन गया। शादी में वह दृश्य देखने को मिला जिसने न सिर्फ परिवार, बल्कि गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम कर दीं—जब दुल्हन के पिता की कमी पूरी करने के लिए 50 सैनिक एक साथ खड़े हुए और मिलकर कन्यादान किया।
यह विवाह केवल एक पारिवारिक समारोह नहीं, बल्कि शहीद परिवार के प्रति सेना की जिम्मेदारी, सम्मान और एकजुटता का अद्भुत उदाहरण बन गया।
कैसे पहुंचा 50 सैनिकों का जत्था?
शहीद सुरेश सिंह भाटी 5 जुलाई 2006 को कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। उनके बेटे हर्ष भाटी भी वर्तमान में सेना में सेवा दे रहे हैं। विवाह के लिए सेना के कुछ सदस्यों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अचानक पंजाब से सैनिकों से भरी एक बस गांव में पहुंची।
पंडाल में एकसाथ 50 वर्दीधारी जवानों को उतरते देख लोग भावुक और आश्चर्य से भर उठे।
जवानों ने निभाई पिता की भूमिका
जवानों ने परिवार से कहा कि वे इस शुभ अवसर पर बेटी को अकेला महसूस नहीं होने देंगे और उसके पिता की कमी पूरी करेंगे। इसके बाद सभी सैनिकों ने मिलकर कन्यादान और अन्य मुख्य रस्में निभाईं।
गांव के लोगों ने बताया कि वह क्षण ऐसा था जैसे शहीद सुरेश भाटी स्वयं अपनी बेटी को आशीर्वाद देने आए हों।
गांव की धरोहर बन गया यह दृश्य
विवाह संपन्न हो चुका है, लेकिन 50 सैनिकों की कतार में खड़े होकर कन्यादान करते हुए तस्वीरें आज भी गांव की हर चर्चा में शामिल हैं। बुजुर्गों का कहना है कि वर्षों में पहली बार किसी शादी के बाद भी लोग उसी घटना को इतनी भावनाओं के साथ याद कर रहे हैं।
दुल्हन के भाई और सेना में सेवारत हर्ष भाटी ने कहा—
“जब जवानों ने कहा कि ‘तुम अकेले नहीं हो’, वही पल हमारी सबसे बड़ी ताकत बन गया।”
सोशल मीडिया पर वायरल
इस विवाह की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग इसे हाल के समय की सबसे प्रेरणादायक और दिल छू लेने वाली घटना बता रहे हैं। यह शादी पूरे क्षेत्र को यह संदेश दे रही है कि शहीद का परिवार केवल उसका नहीं, बल्कि पूरे देश का परिवार होता है।