अगहन मास का भौम प्रदोष व्रत उज्जैन सहित देशभर में अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने और शिवलिंग पर विशेष वस्तुओं का अभिषेक करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, भौम प्रदोष पर सही सामग्रियों से किया गया अभिषेक भगवान शिव को विशेष रूप से प्रसन्न करता है। यह व्रत संतान प्राप्ति, आर्थिक प्रगति, पापों की मुक्ति और मान-सम्मान जैसी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है।
भौम प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा?
वैदिक पंचांग के मुताबिक, अगहन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 दिसंबर को दोपहर 3:57 बजे शुरू होकर 3 दिसंबर को 12:25 बजे समाप्त होगी।
प्रदोषकाल की पूजा इसी दिन की जाती है, इसलिए 2 दिसंबर को भौम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
भौम प्रदोष पर अवश्य करें ये विशेष उपाय
1. संतान प्राप्ति के लिए – गेहूं और धतूरा अर्पित करें
मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग का अभिषेक गेहूं और धतूरे से करने पर दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है और संतान प्राप्ति का योग मजबूत होता है।
महादेव की कृपा से घर में सकारात्मकता बढ़ती है।
2. पापों से मुक्ति – तिल का अभिषेक करें
शास्त्रों में कहा गया है कि शिवलिंग पर तिल अर्पित करने से व्यक्ति अपने पापों से मुक्त होता है।
यह उपाय मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलता है।
3. आर्थिक संकट दूर करने के लिए – कच्चे चावल चढ़ाएं
यदि बार-बार प्रयासों के बाद भी आर्थिक स्थिति सुधर नहीं रही हो, तो प्रदोष के दिन कच्चे चावल अर्पित करना शुभ होता है।
यह उपाय धनलाभ के मार्ग खोलने और आर्थिक स्थिरता लाने वाला माना गया है।
4. मान–सम्मान और सफलता – लाल चंदन का अभिषेक करें
शिवलिंग पर लाल चंदन चढ़ाने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है, जिससे मान-सम्मान बढ़ता है।
रुके हुए काम पूरे होने लगते हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देते हैं।
प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने और जीवन के कष्ट दूर करने का एक शक्तिशाली माध्यम माना गया है। अगहन मास का यह भौम प्रदोष भक्तों के लिए विशेष रूप से कल्याणकारी बताया गया है।