दिल्ली की जहरीली हवा पर PMO का सख्त एक्शन, नई एमिशन स्टडी से GRAP होगा और कड़ा

दिल्ली की जहरीली हवा पर PMO का सख्त एक्शन, नई एमिशन स्टडी से GRAP होगा और कड़ा
December 1, 2025 at 3:05 pm

दिल्ली की बिगड़ती हवा को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सख्त रुख अपनाया है। राजधानी और NCR में वायु प्रदूषण के लगातार खराब स्तर को देखते हुए PMO ने पुरानी 2018 आधारित स्टडी को बदलने के लिए नई एमिशन इन्वेंटरी और रियल-टाइम सोर्स अपॉर्शनमेंट स्टडी का आदेश जारी किया है।

यह निर्णय हाल ही में हुई हाई-लेवल टास्क फोर्स की बैठक के बाद लिया गया है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने की थी।

बैठक में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के मुख्य सचिवों के अलावा पर्यावरण, बिजली, कृषि एवं आवास मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक के दौरान यह स्वीकार किया गया कि अभी लागू GRAP की सभी कार्रवाई पुराने डेटा पर आधारित है, जिसके चलते वास्तविक प्रदूषण स्रोतों पर समय पर कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही।

धूल (रोड डस्ट) सबसे बड़ा प्रदूषण स्रोत

सूत्रों के अनुसार NCR में PM2.5 और PM10 का सबसे बड़ा स्रोत धूल (डस्ट) है। इसी वजह से PMO ने सभी प्रमुख शहरी व औद्योगिक सड़कों के रीडेवलपमेंट के लिए टाइमबाउंड एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं।
इसमें शामिल है

  • एंड-टू-एंड पेविंग
  • रोड शोल्डर की हरियाली
  • पर्याप्त फंडिंग की व्यवस्था

CAQM (Commission for Air Quality Management) ने बताया कि NCR में हजारों किलोमीटर इंडस्ट्रियल सड़कों पर प्राथमिकता से काम शुरू किया जा रहा है।

रोजाना करीब 8,000 टन कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन (C&D) वेस्ट निकलता है, लेकिन उसकी प्रोसेसिंग क्षमता अभी भी काफी कम है।

वाहनों से सबसे ज्यादा प्रदूषण

वाहनों से उत्सर्जन को लेकर भी बैठक में गंभीर चिंता जताई गई।
जांच में सामने आया कि—

  • एनसीआर में मौजूद कुल गाड़ियों में से 50% से अधिक सिर्फ दिल्ली में हैं
  • 37% वाहन अभी भी BS-I से BS-III नॉर्म्स पर चलते हैं
  • NCR की 50,000 इंडस्ट्रियल यूनिट्स में से 11,000 प्रदूषण फैलाने वाली श्रेणी में हैं

हालांकि अधिकांश उद्योग PNG पर शिफ्ट हो चुके हैं, लेकिन
एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस
और
कंटीन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम (CEMS)
का काम अब भी अधूरा है।

थर्मल पावर प्लांट्स पर कड़ी नजर

दिल्ली से 300 किमी के दायरे में स्थित 11 थर्मल पावर प्लांट्स में से 35 यूनिट्स में से केवल 14 में ही FGD (Flue Gas Desulfurization) सिस्टम लगाया जा सका है।
PMO ने बिजली मंत्रालय, CPCB और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को सख्त निगरानी और मानकों के पालन के निर्देश दिए हैं।

नई स्टडी कई महीने से चल रही

सूत्रों ने बताया कि नई सोर्स अपॉर्शनमेंट स्टडी और एमिशन इन्वेंटरी पर काम कई महीने पहले शुरू हो चुका है।
CPCB इस प्रोजेक्ट को IITs और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहा है।

2018 की TERI-ARAI स्टडी के अनुसार

  • परिवहन: 39%
  • रोड डस्ट: 18%
  • पावर प्लांट्स: 11%
  • उद्योग: 3%
    दिल्ली के PM2.5 के लिए जिम्मेदार पाए गए थे।

नई स्टडी के बाद GRAP के नियम और सख्त किए जा सकते हैं।

AQI लगातार बदतर

रविवार को भी दिल्ली-NCR का AQI “पुअर” श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि नई डेटा आधारित नीति बनने तक वास्तविक प्रदूषण स्रोतों पर प्रभावी कार्रवाई संभव नहीं है।
PMO के सक्रिय हस्तक्षेप से उम्मीद है कि आने वाले महीनों में दिल्ली की हवा में सुधार देखने को मिल सकता है