अगहन पूर्णिमा पर हरिहर स्नान का क्या महत्व है? दरभंगा के ज्योतिषाचार्य से समझिए पूरी परंपरा

अगहन पूर्णिमा पर हरिहर स्नान का क्या महत्व है? दरभंगा के ज्योतिषाचार्य से समझिए पूरी परंपरा
December 1, 2025 at 2:54 pm

अगहन मास हिंदू पंचांग में अत्यंत शुभ माना जाता है और इस महीने में किए गए स्नान, दान और पूजा को विशेष फलदायी बताया गया है। इस वर्ष अगहन मास की पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर 2025 को पड़ेगी और इसी दिन हरिहर स्नान की पौराणिक परंपरा निभाई जाएगी।

दरभंगा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के अनुसार, बिहार के छपरा जिले के सोनपुर स्थित हरिहरनाथ महादेव मंदिर में अगहन पूर्णिमा पर स्नान और पूजा का विशेष महत्व है। यहां हरि (भगवान विष्णु) और हर (भगवान शिव) दोनों का एक ही स्थान पर पूजन करने का अनोखा अवसर प्राप्त होता है।

गजेंद्र मोक्ष कथा से जुड़ा पवित्र स्थल

हरिहरनाथ मंदिर का महत्व गजेंद्र मोक्ष की पौराणिक कथा से भी जुड़ा है। मान्यता है कि जब मगरमच्छ ने हाथी (गज) को पकड़ लिया था, तब उसने भगवान को पुकारा। उसकी पुकार सुनकर भगवान विष्णु और महादेव दोनों प्रकट हुए और हाथी को मुक्ति दिलाई।

यही कारण है कि इस स्थान को हरिहर क्षेत्र कहा जाता है और यहां स्नान करना मोक्षदायी माना जाता है।


एक साथ हरि और हर की पूजा का शुभ अवसर

सोनपुर के हरिहरनाथ महादेव मंदिर में

  • भगवान विष्णु
  • और भगवान शिव

दोनों का विग्रह एक ही मंदिर में स्थापित है। अगहन पूर्णिमा के दिन भक्त यहां आकर संयुक्त जलाभिषेक करते हैं, जो अत्यंत शुभ माना गया है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. झा के अनुसार, इस दिन की पूजा—

  • पापों से मुक्ति
  • जीवन में पवित्रता
  • संकटों से छुटकारा
  • और शुभ फल प्रदान करती है।


हरिहर स्नान की परंपरा

4 दिसंबर 2025 को अगहन मास की पूर्णिमा पर भक्त बड़ी संख्या में सोनपुर पहुंचकर—

  • हरिहर क्षेत्र में पवित्र स्नान
  • हरि और हर का अभिषेक
  • तथा मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना
    करेंगे।

मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सभी कष्ट दूर होते हैं।