कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह 90 साल की उम्र में लातूर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे काफी समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और घर पर ही उनका उपचार चल रहा था। परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनका निधन शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। कांग्रेस ने उनके निधन को पार्टी और देश की राजनीति के लिए बड़ी क्षति बताया है।
पाटिल इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाते थे। उनका अंतिम संस्कार आज शाम लातूर में किया जाएगा, जिसमें कई शीर्ष नेता शामिल होंगे।
राजनीतिक सफर और उपलब्धियां
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकूर में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और लॉ की पढ़ाई की। 1960 के दशक में राजनीति में प्रवेश करने के बाद वे 1972 से 1980 तक महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रहे।
लोकसभा करियर
26/11 मुंबई हमलों के बाद इस्तीफा
2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान उनकी भूमिका पर काफी आलोचना हुई थी। उस समय कपड़े बदलते हुए उनकी तस्वीरों और गतिविधियों को लेकर उन पर “निरो ऑफ इंडिया” जैसी उपाधियाँ भी दी गईं।
हमलों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने 30 नवंबर 2008 को गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
आत्मकथा ‘Odyssey of My Life’
अपनी किताब में पाटिल ने:
पर विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए घटनाओं का ईमानदारी से विवरण दिया है।
देशभर से श्रद्धांजलि
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि “पाटिल जी पार्टी के स्तंभ थे, उनका जाना अपूरणीय क्षति है।”
वहीं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनका परिवार भी राजनीति से जुड़ा रहा है — उनकी पत्नी विजया पाटिल विधायक रह चुकी हैं।