साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि कब है? अंतिम बार लें भोलेनाथ का आशीर्वाद, जानें तारीख, मुहूर्त और योग

साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि कब है? अंतिम बार लें भोलेनाथ का आशीर्वाद, जानें तारीख, मुहूर्त और योग
December 17, 2025 at 1:20 pm

साल 2025 की अंतिम मासिक शिवरात्रि पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी। यह इस वर्ष शिवरात्रि व्रत रखने का आखिरी अवसर होगा, क्योंकि इसके बाद अगली मासिक शिवरात्रि नव वर्ष 2026 में आएगी। ऐसे में शिव भक्तों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धियोग भी बन रहा है, जिससे पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। हालांकि इस दिन भद्रा भी रहेगी, लेकिन उसका वास स्वर्ग लोक में होने से इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं माना गया है।

दिसंबर मासिक शिवरात्रि की तिथि

  • पौष कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरुआत: 18 दिसंबर को रात 2:32 बजे
  • तिथि का समापन: 19 दिसंबर को सुबह 4:59 बजे

उदयातिथि के अनुसार, साल की अंतिम मासिक शिवरात्रि 18 दिसंबर (गुरुवार) को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी शुभ संयोग बन रहा है।

दिसंबर मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त

  • निशिता पूजा मुहूर्त: रात 11:51 PM से 12:45 AM (55 मिनट)
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:19 AM से 6:13 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:57 AM से 12:38 PM


इसके अलावा,

  • शुभ मुहूर्त: 7:08 AM से 8:26 AM
  • लाभ मुहूर्त: 12:18 PM से 1:35 PM
  • अमृत मुहूर्त: 1:35 PM से 2:53 PM


शिवरात्रि पर बन रहे विशेष योग

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 7:08 AM से रात 8:07 PM तक
  • धृति योग: प्रातःकाल से 3:06 PM तक
  • अनुराधा नक्षत्र: प्रातःकाल से 8:07 PM तक, इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र


शिवरात्रि पर भद्रा का प्रभाव

18 दिसंबर को भद्रा सुबह 7:08 AM से दोपहर 3:47 PM तक रहेगी। भद्रा का वास स्वर्ग लोक में होने के कारण इसका पृथ्वी पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं माना जाता।

शिववास की स्थिति

  • प्रातःकाल से 19 दिसंबर सुबह 4:59 AM तक शिववास श्मशान में
  • इसके बाद शिववास माता गौरी के साथ रहेगा


मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व

मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।