OTT प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप को लेकर चल रही बहस के बीच केंद्र सरकार ने स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है। सरकार ने साफ कहा है कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज्नी प्लस हॉटस्टार और अन्य OTT प्लेटफॉर्म्स केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के दायरे में नहीं आते हैं।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने बताया कि CBFC केवल सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फिल्मों को प्रमाणित करता है। OTT प्लेटफॉर्म्स को सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियम, 2021 के तहत नियंत्रित किया जाता है।
IT नियमों के तहत होता है OTT कंटेंट का नियमन
मंत्री ने बताया कि OTT कंटेंट को IT (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021 के भाग-III के अंतर्गत रेगुलेट किया जाता है। इन नियमों के अनुसार, OTT प्लेटफॉर्म्स को एक एथिक्स कोड का पालन करना अनिवार्य है। इसके तहत कानून द्वारा प्रतिबंधित सामग्री से बचना, कंटेंट की उम्र-आधारित श्रेणी तय करना और दर्शकों को उचित जानकारी देना शामिल है।
तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली
OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली लागू की गई है।
43 OTT प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की कार्रवाई
सरकार ने यह भी खुलासा किया कि अब तक अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट दिखाने के आरोप में भारत में 43 OTT प्लेटफॉर्म्स को बंद किया जा चुका है। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में मिली शिकायतों की संख्या को लेकर मंत्री ने कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं दिया।
भारत में तेजी से बढ़ रहा OTT बाजार
FICCI-EY मीडिया एवं मनोरंजन इंडस्ट्री रिपोर्ट 2025 का हवाला देते हुए मंत्री एल मुरुगन ने बताया कि भारत में OTT वीडियो सब्सक्रिप्शन से होने वाला राजस्व 2024 में 11 प्रतिशत बढ़कर करीब 9,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में वर्तमान में 9.5 करोड़ से 11.8 करोड़ लोग OTT प्लेटफॉर्म्स पर पेड स्ट्रीमिंग सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।