विश्वविख्यात मूर्तिकार और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के डिज़ाइनर राम सुतार का निधन हो गया है. उन्होंने लगभग 100 वर्ष की आयु में नोएडा के सेक्टर-19 स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे राम सुतार के निधन से कला और शिल्प जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है।
राम सुतार को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के डिजाइनर के रूप में वैश्विक पहचान मिली। इसके अलावा उन्होंने महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर और अन्य राष्ट्रीय महापुरुषों की कई ऐतिहासिक प्रतिमाओं का निर्माण किया, जो आज भी देश-विदेश में प्रेरणा का स्रोत हैं।
अपने लंबे और गौरवशाली करियर में राम सुतार को पद्मश्री, पद्मभूषण, टैगोर पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें राज्य के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘महाराष्ट्रभूषण’ से भी सम्मानित किया था।
वर्ष 1925 में महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार में जन्मे राम सुतार ने अपनी मेहनत, प्रतिभा और समर्पण से भारतीय कला को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई। उनके बेटे अनिल सुतार, जो स्वयं एक प्रख्यात मूर्तिकार हैं, पिता की कला विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
राम सुतार केवल एक कलाकार नहीं थे, बल्कि ऐसे शिल्पकार थे जिन्होंने भारत के गौरव, इतिहास और स्मृतियों को पत्थर और धातु में जीवंत कर दिया। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।