बांग्लादेश में जारी हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क हो गई है। हालात को देखते हुए भारत और बांग्लादेश के सेना प्रमुखों के बीच सीधे संपर्क बनाए रखा गया है, ताकि सीमा के दोनों ओर शांति बनी रहे और किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को भरोसा दिलाया है कि बांग्लादेश में स्थित सभी भारतीय ठिकाने पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा तनाव के बावजूद बांग्लादेशी सेना सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
दरअसल, हालात उस वक्त और बिगड़ गए जब भारत-विरोधी कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत हो गई। ढाका में गोली लगने के बाद इलाज के लिए उसे सिंगापुर ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। हादी जुलाई विद्रोह का प्रमुख चेहरा माना जाता था और अंतरिम सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों का बड़ा प्रतीक बन चुका था।
हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा
हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंसा फैल गई। ढाका में देश के प्रमुख अखबार प्रथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों में आगजनी की गई। इसके अलावा वामपंथी सांस्कृतिक संगठन उदीची शिल्पी गोष्ठी के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं।
शनिवार तड़के लक्ष्मीपुर सदर उपजिला में बांग्लादेश नेशन लिस्ट पार्टी (BNP) के एक नेता के घर में आग लगा दी गई, जिसमें उसकी 7 साल की बेटी की दर्दनाक मौत हो गई।
अल्प संख्यकों पर हमलों से भारत चिंतित
इन घटनाओं का असर भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी दिखने लगा है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत लगातार अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जता रहा है। हाल ही में एक हिंदू युवक को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ के हवाले कर दिया गया, जहां उसकी हत्या कर दी गई। बाद में सामने आया कि आरोप झूठे थे और युवक पुलिस हिरासत में था।
बांग्लादेशी राजदूत तलब
भारत ने इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद रियाज हमीदुल्लाह को तलब किया। भारत ने ढाका स्थित भारतीय मिशनों को मिल रही धमकियों और भारत-विरोधी बयानों पर कड़ा राजनयिक विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि भारत शांति और स्थिरता का समर्थक है, लेकिन भारतीय मिशनों और नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अंतरिम सरकार की है।