दिल्ली में मरीजों का बढ़ता दबाव, RML और लेडी हार्डिंग अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी का खुलासा

दिल्ली में मरीजों का बढ़ता दबाव, RML और लेडी हार्डिंग अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी का खुलासा
December 23, 2025 at 1:03 pm

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। सांस से जुड़ी बीमारियों के साथ-साथ आंखों, त्वचा और हृदय संबंधी रोगों के मामलों में भी तेज़ी से इजाफा हुआ है। इसका नतीजा यह है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसी बीच डॉक्टरों की भारी कमी एक गंभीर समस्या बनकर सामने आई है।

आरटीआई के जरिए सामने आई जानकारी के मुताबिक राजधानी के दो बड़े सरकारी अस्पताल— डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज—में फैकल्टी और डॉक्टरों के स्वीकृत पदों का बड़ा हिस्सा खाली पड़ा है। इसका असर न केवल मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है, बल्कि मेडिकल शिक्षा और रिसर्च वर्क भी प्रभावित हो रहा है।

प्रदूषण बढ़ने के कारण खांसी, दमा, ब्रॉन्काइटिस, एलर्जी, स्किन इंफेक्शन, अर्थराइटिस के साथ-साथ हार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसे मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। अस्पतालों की ओपीडी, इमरजेंसी और आईपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है, लेकिन डॉक्टरों की संख्या उसके अनुपात में नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरएमएल अस्पताल में कुल 283 स्वीकृत फैकल्टी पदों में से 71 पद खाली हैं। सबसे ज्यादा कमी मेडिसिन विभाग में है, जहां 27 पद रिक्त हैं। इसके अलावा बाल रोग विभाग में 5 और एनेस्थीसिया विभाग में 3 पद खाली पड़े हैं। ये वही विभाग हैं जहां मरीजों का दबाव सबसे ज्यादा रहता है।

दिलचस्प बात यह है कि आरएमएल अस्पताल के कुछ विभागों में स्वीकृत पदों से अधिक डॉक्टर तैनात हैं। उदाहरण के तौर पर ऑर्थोपेडिक्स विभाग में 2 स्वीकृत पदों के बावजूद 4 फैकल्टी सदस्य कार्यरत हैं। वहीं कम्युनिटी मेडिसिन में 3 के मुकाबले 5 और पैथोलॉजी विभाग में 4 की जगह 7 फैकल्टी सदस्य काम कर रहे हैं।

वहीं लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की स्थिति भी चिंताजनक है। यहां 355 स्वीकृत फैकल्टी पदों के मुकाबले 75 पद खाली हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि इस कमी की वजह से मरीजों की देखभाल के साथ-साथ शिक्षण और शोध कार्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। मौजूदा स्टाफ पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ गया है, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

आरएमएल अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि खाली पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की है। अस्पताल की ओर से मंत्रालय को रिक्त पदों को भरने के लिए कई बार अनुरोध भेजा गया है और उम्मीद है कि जल्द इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।