मध्य प्रदेश के महेश्वर जनपद पंचायत से जुड़ा एक गंभीर प्रशासनिक मामला सामने आया है। निर्वाचन कार्य में भारी लापरवाही के आरोप में जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) रीना चौहान को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई इंदौर संभागायुक्त द्वारा कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
जानकारी के अनुसार, महेश्वर जनपद पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 में जनपद सदस्य के निधन के बाद पद रिक्त हो गया था। नियमानुसार इस रिक्त पद की सूचना समय रहते राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जानी थी, ताकि उपनिर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की जा सके। लेकिन जनपद पंचायत स्तर पर गंभीर प्रशासनिक चूक सामने आई।
गलत वार्ड की भेजी गई जानकारी
जांच में सामने आया कि जनपद पंचायत द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को गलती से वार्ड क्रमांक 9 के रिक्त होने की सूचना भेज दी गई, जबकि वास्तविक रिक्ति वार्ड क्रमांक 7 में थी। इस गलती के कारण निर्वाचन प्रक्रिया प्रभावित हुई और मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया।
पहले कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पहले ही महेश्वर जनपद पंचायत के दो कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका था। हालांकि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह लापरवाही केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि सीईओ स्तर पर भी गंभीर चूक हुई है।
संभागा युक्त ने माना सीईओ को दोषी
पूरे प्रकरण की समीक्षा के बाद इंदौर संभागायुक्त ने निर्वाचन जैसे संवेदनशील कार्य में लापरवाही को गंभीर मानते हुए सीईओ रीना चौहान को भी निलंबित करने के आदेश दिए। प्रशासन का कहना है कि चुनावी कार्यों में किसी भी स्तर की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।
9 जनवरी 2026 को होगा उपनिर्वाचन
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अब महेश्वर जनपद पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 में जनपद सदस्य पद के लिए 9 जनवरी 2026 को उपनिर्वाचन कराया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने पंचायत स्तर पर निर्वाचन कार्यों की निगरानी और जवाबदेही को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है।