“GST 2.0 बचत उत्सव 2025” : निर्मला सीतारमण, पियूष गोयल और अश्विनी वैष्णव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया—उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा?

“GST 2.0 बचत उत्सव 2025” : निर्मला सीतारमण, पियूष गोयल और अश्विनी वैष्णव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया—उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा?
October 18, 2025 at 3:01 pm

केंद्र सरकार ने “GST बचत उत्सव 2025” कार्यक्रम के तहत नए जीएसटी ढांचे के प्रभावों को उजागर किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल और सूचना-प्रौद्योगिकी तथा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज दीवानगर (धनतेरस) की पूर्व संध्या पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि कैसे इस सुधार से उपभोक्ताओं को राहत, बाजार को गति और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ीकरण मिलेगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य बातें

  • उन्होंने कहा कि GST 2.0 के माध्यम से कर की संरचना को सरल बनाने एवं उपभोक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई दराएँ कम की गई हैं।
  • उन्होंने यह दावा किया कि यह सुधार लगभग ₹2 लाख करोड़ तक आर्थिक प्रवाह उत्प्रेरित करेगा और उपभोक्ताओं के हाथ में अधिक खर्च योग्य धन छोड़ेगा।
  • उत्सव-मौसम में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और एफएमसीजी सेक्टर में क्रय-चक्र में तेज़ी देखने को मिली है; सर्वेक्षण बताते हैं कि वाहन बिक्री ने वर्ष-दर-वर्ष लगभग 35 % तक वृद्धि दर्ज की है।
  • अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह कदम इसलिए भी उठाया गया क्योंकि उन्होंने भरोसा जताया है कि उपभोक्ताओं को कर लाभ “सीधे” मिलेगा — न कि मात्र लेखा-जोखा में रह जाएगा।  
  • सरकार यह भी मॉनिटर कर रही है कि व्यापारियों द्वारा कम की गई दरों में लाभ सही तरीके से उपभोक्ताओं तक पहुँच रहा है या नहीं; इसके लिए 50 से अधिक उत्पादों की मूल्य-स्थिति की निगरानी चल रही है।

अर्थव्यवस्थाऔर उपभोक्ताप्रभाव

उपभोक्ता खर्च में तेज़ी आने की संभावना है, जिससे खुदरा ऋण मांग भी बढ़ी है। बैंकिंग स्रोतों ने बताया कि बड़े टिकट वाले उपकरणों तथा मोटर वाहनों की वित्तपोषण में बढ़ोतरी हुई है।
विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह प्रवृत्ति बनी रही, तो इस वित्तीय वर्ष में बैंकिंग क्रेडिट वृद्धि पूर्वानुमानों के 10-12 % से ऊपर भी जा सकती है।

अगले कदम एवं चुनौतियाँ

हालाँकि यह सुधार उत्साहजनक है, सरकार ने यह माना कि “कर लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचने” तथा “व्यापारियों द्वारा दरें कम करने” के बीच असममितियों पर निगरानी ज़रूरी है। यह भी कहा गया कि सुधार को ठोस परिणाम देने के लिए समय और समन्वित क्रियावली दोनों की आवश्यकता होगी।