वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विपक्ष के सवालों का जोरदार जवाब देते हुए साफ कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सरकार किसी भी कड़े कदम से पीछे नहीं हटेगी। ‘हेल्थ सिक्योरिटी टू नेशनल सिक्योरिटी सेसबिल 2025’ पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध हाईटेक और महंगे हो चुके हैं, इसलिए डिफेंस को मजबूत रखने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना अनिवार्य है।
सीतारमण ने स्पष्ट कहा कि पान मसाले जैसी अवगुण वाली वस्तुओं पर टैक्स बढ़ेगा ही, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।
‘कारगिल में कमी थी… अब ऐसा नहीं होने देंगे’
बहस के दौरान वित्त मंत्री ने कारगिल युद्ध का उल्लेख किया और बताया कि उस समय संसाधनों की कमी के कारण सेना के पास सिर्फ 70–80% अधिकृत हथियार और गोला-बारूद मौजूद था। उन्होंने कहा—
“भारत अब किसी भी हालत में कारगिल जैसी स्थिति में वापस नहीं जाएगा। हमारी सेना संसाधनों की कमी से नहीं जूझेगी। चाहे सेस लगाना पड़े, सरकार पीछे नहीं हटेगी।”
‘पान मसाला सस्ता रखने का तुक नहीं’
विपक्ष ने सवाल उठाया कि डिफेंस फंड के लिए टैक्स का बोझ केवल पान मसाले पर क्यों? इस पर सीतारमण ने जवाब दिया—
उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ राज्यों का विषय है, जबकि रक्षा केंद्र की जिम्मेदारी, इसलिए धन जुटाने के स्रोत सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
सेस पर विपक्ष को दिया आंकड़ों के साथ जवाब
विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सेस वसूलकर राज्यों का हिस्सा रोक रही है। इस पर सीतारमण ने कहा कि 2014 से पहले भी कई सेस लगाए जाते रहे हैं, जैसे—
उन्होंने बताया कि 2014-15 से 2025-26 के बीच 6.49 लाख करोड़ रुपये का सेस वसूला गया, जिसमें से 6.07 लाख करोड़ रुपये राज्यों को वापस वितरित किए गए।
सीतारमण ने कहा कि संविधान का आर्टिकल 270 संसद को उद्देश्य आधारित सेस लगाने की शक्ति देता है।
‘सरकार सिर्फ टैक्स नहीं बढ़ा रही, राहत भी दे रही है’
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि आम नागरिकों को टैक्स में राहत दी गई है।
उन्होंने कहा कि रक्षा बजट को मजबूत करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है और इसके लिए हर संभव स्रोत से धन जुटाया जाएगा।