पंचमुखी हनुमान की पावन छवि: नैमिषारण्य के हनुमान गढ़ी मंदिर की पौराणिक गाथा

पंचमुखी हनुमान की पावन छवि: नैमिषारण्य के हनुमान गढ़ी मंदिर की पौराणिक गाथा
November 18, 2025 at 2:22 pm

उत्तर-प्रदेश के पवित्र तीर्थस्थल नैमिषारण्य में स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर भारतीय धर्मपरंपरा और पौराणिक कथाओं का जीवंत प्रमाण है। इस मंदिर में निहित कथा-विरासत अपनी तरह में अनोखी है, जिसमें युद्ध, विजय और भक्ति के तत्व मिलते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, युद्ध के दौरान जब अहिरावण ने छलपूर्वक भगवान राम एवं लक्ष्मण को पाताललोक में ले जाकर बंद कर लिया था, तभी भक्ति और शक्ति का अवतार हनुमान तुरंत बीच में आए। उन्होंने अहिरावण से युद्ध किया, राम-लक्ष्मण को मुक्त कराया और अपने कंधे पर उन्हें उठाकर पाताललोक से पृथ्वी पर उतर आए। यह वहीं स्थान है जहाँ आज यह मंदिर खड़ा है।

इसी मंदिर से जुड़ी एक अन्य मान्यता है कि पांडव ने अपने अज्ञातवास के दौरान नैमिषारण्य में प्रवास किया था। उन्होंने उस भूमि पर मंदिर का निर्माण करवाया जिस स्थल को हनुमानजी ने पाताललोक से लौटकर पहला कदम माना था। मंदिर के समीप ‘पांडव किला’ नामक स्थान भी मौजूद है, जो इस कथात्मक जुड़ाव को और भी प्रमाणित करता है।

इस मंदिर की खास विशेषता है एक अनूठी प्रतिमा- जिसमें हनुमानजी राम एवं लक्ष्मण को अपने कंधे पर उठाए हुए दिखाई देते हैं, और उनके पैर के नीचे अहिरावण का चिह्न है। साथ ही, इस प्रतिमा में हनुमानजी दक्षिण दिशा की ओर मुख किए हुए हैं, इसलिए इसे ‘दक्षिणेश्वर मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है।

यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक श्रद्धास्थल है, बल्कि पौराणिक गाथाओं को जीवंत रूप से दर्शाने वाला स्थल भी है। अगर आप आध्यात्मिक यात्रा पर हैं या भारतीय धर्म-संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो हनुमानगढ़ी मंदिर एक ऐसा ठिकाना है, जहाँ अध्यात्म, इतिहास और कथा तीनों का संगम मिलता है।

यात्रा-सूचना विवरण:

स्थान (Location)

  • पंचमुखी हनुमान / हनुमानगढ़ी मंदिर नैमिषारण्य (नीमसार), जिला सीतापुर, उत्तर प्रदेश में स्थित है।
  • निकटतम बड़ा शहर और एयरपोर्ट: लखनऊ (लगभग 100–110 किमी दूरी पर)।

कैसे पहुँचें (How to Reach)

हवाई मार्ग से

  • सबसे नजदीकी एयरपोर्ट लखनऊ एयरपोर्ट है।
    वहाँ से टैक्सी, कैब या बस के माध्यम से नैमिषारण्य पहुँचा जा सकता है।

रेलमार्ग से

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: सीतापुर जंक्शन (लगभग 30 किमी)
  • स्टेशन से ऑटो, टैक्सी या बस उपलब्ध रहती है।

सड़क मार्ग से

  • नैमिषारण्य सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है।
  • लखनऊ → नैमिषारण्य दूरी: लगभग 100 किमी
  • निजी कार, टैक्सी, रोडवेज बस—सभी विकल्प उपलब्ध हैं।

दर्शन समय (Temple Timings)

  • मंदिर आमतौर पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है।
  • त्योहारों और विशेष अवसरों पर भीड़ अधिक रहती है।

यात्रा का सर्वश्रेष्ठ समय (Best Time to Visit)

  • अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है।
  • मौसम ठंडा और सुहावना रहता है।

यात्रा सुझाव (Travel Tips)

  • भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी पहुँचें।
  • मंदिर परिसर में कुछ सीढ़ियाँ हैं—आरामदायक जूते पहनें।
  • सादे और श्रद्धापूर्ण वस्त्र पहनना बेहतर है।
  • पानी की बोतल साथ रखें; आसपास दुकानें भी मिल जाती हैं।
  • सप्ताहांत और छुट्टियों में भीड़ अधिक हो सकती है।

नज़दीकी धार्मिक स्थल

यदि आप नैमिषारण्य जा रहे हैं, तो ये जगहें भी पास में हैं:

  • चक्र तीर्थ
  • व्यास गद्दी
  • ललिता देवी मंदिर
  • पांडव किला