छठ पूजा 2025: नहाय-खाय से लेकर खरना, सन्ध्या अर्घ्य व उषा अर्घ्य तक पूरे आयोजन का समय, महत्व और विधि

छठ पूजा 2025: नहाय-खाय से लेकर खरना, सन्ध्या अर्घ्य व उषा अर्घ्य तक पूरे आयोजन का समय, महत्व और विधि
October 21, 2025 at 5:59 pm

उत्तर भारत व नेपाल में विशेष रूप से मनायी जाने वाली छठ पूजा इस वर्ष 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2025 तक मनायी जाएगी। इस चार-दिवसीय पर्व में सूर्य देव तथा छठी माँ की पूजा-अर्चना के माध्यम से स्वास्थ्य, समृद्धि तथा सामाजिक समरसता की कामना की जाती है।

आयोजनतिथि प्रमुख चरण

  • दिन 1: नहाय-खाय
    तारीख: 25 अक्टूबर 2025 (शनिवार)। इस दिन श्रद्धालु नदी या तालाब के किनारे स्नान करते हैं और साधारण भोजन ग्रहण करते हैं।
  • दिन 2: खरना
    तारीख: 26 अक्टूबर 2025 (रविवार)। इस दिन व्रती संपूर्ण दिन उपवास रखते हैं और सूर्यास्त के बाद खीर-रोटी का भोग चढ़ाकर व्रत को तोड़ते हैं।
  • दिन 3: सन्ध्या आर्घ्य
    तारीख: 27 अक्टूबर 2025 (सोमवार)। सूर्यास्त के समय नदी किनारे खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है, व्रती रात में कथा सुनते-गाते जागरण करते हैं।
  • दिन 4: उषा अर्घ्य
    तारीख: 28 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)। प्रातः-काल उठकर पुनः नदी-कछारे में खड़े होकर उषा के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। उपवास इस दिन कटता है।


पर्व का धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व

छठ पूजा में मुख्य रूप से सूर्य देव की उपासना एवं प्रकृति-चक्र के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया जाता है। “छठी माँ” शब्द उस दिव्य शक्ति को दर्शाता है जो सूर्य की शक्ति एवं मानव जीवन-चक्र से जुड़ी मानी जाती है। यह पर्व सामाजिक एकता, स्वच्छता, प्रकृति-सम्मान तथा आत्म-संयम का संदेश देता है।

पूजाविधियाँ एवं सावधानियाँ

  • श्रद्धालु नहाय-खाय के दिन घर एवं आँगन को स्वच्छ करते हैं, प्रसाद-सामग्री-फल-गन्ना आदि तैयार करते हैं।
  • खरना के दिन संपूर्ण दिन उपवास रहता है, शाम को भोग चढ़ाया जाता है।
  • सन्ध्या एवं उषा अर्घ्य के लिए नदी-तालाब के किनारे समय-पूर्व पहुँचने की सलाह दी जाती है।
  • व्रत करने वालों को स्वास्थ्य की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए — विशेष रूप से कमजोर स्वास्थ्य वालों को सलाह-मशविरा करना उचित होगा।

 
छठ पूजा 2025 बिहार समय-सारिणी

नहायखाय: 25 अक्टूबर (शनिवार) — सूर्योदय 6:00 AM, स्नान व आरंभ 6:30 AM से।
खरना: 26 अक्टूबर (रविवार) — सूर्यास्त 5:17 PM के बाद प्रसाद अर्पण।
संध्या अर्घ्य: 27 अक्टूबर (सोमवार) — सूर्यास्त 5:16 PM।
उषा अर्घ्य: 28 अक्टूबर (मंगलवार) — सूर्योदय 6:01 AM।