हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 की मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, इसी दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के क्षण को ही मकरसंक्रांति कहा जाता है। यह तिथि शुभ कार्यों, स्नान एवं दान के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है।
मकर संक्रांति को खिचड़ी, उत्तरायण और पोंगल नामों से भी जाना जाता है। इस दिन देशभर में श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं और उसके बाद अन्न, तिल, गुड़, कंबल व वस्त्र आदि का दान करते हैं। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना पुण्य फल देता है।
2026 में मकर संक्रांति तिथि और सूर्य संक्रांति का समय
इसी आधार पर 2026 में मकर संक्रांति के सभी धार्मिक अनुष्ठान 14 जनवरी को ही किए जाएंगे।
मकर संक्रांति 2026 का महा पुण्य काल
इस दौरान किया गया स्नान-दान अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।
मकर संक्रांति 2026 का पुण्य काल
जो लोग महा पुण्य काल में स्नान नहीं कर पाते, वे पुण्य काल में भी स्नान-दान कर सकते हैं।
स्नान-दान का मुहूर्त (ब्रह्ममुहूर्त)
मकर संक्रांति 2026 पर बन रहे शुभ योग
इस वर्ष मकर संक्रांति के दिन दो विशेष सिद्धि योग बन रहे हैं—
सर्वार्थ सिद्धि योग
अमृत सिद्धि योग
इन शुभ योगों में किया गया दान, जप और तप अत्यंत कल्याणकारी माना जाता है।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति सूर्य उपासना का प्रमुख पर्व है, जो उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। ज्योतिष में उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा गया है। इस दिन किए गए दान, जप, स्नान और सूर्य पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। यह पर्व नए आरंभ, ऊर्जा और शुभता का प्रतीक माना जाता है।