मार्गशीर्ष महापूर्णिमा आज: व्रत, पूजा-विधि, मंत्र जप और निषेध—जानें क्या करें और क्या न करें

मार्गशीर्ष महापूर्णिमा आज: व्रत, पूजा-विधि, मंत्र जप और निषेध—जानें क्या करें और क्या न करें
December 4, 2025 at 1:41 pm

मार्गशीर्ष माह की पावन महापूर्णिमा और दत्तात्रेय जयंती का पर्व आज मनाया जा रहा है। यह शुभ तिथि 4 दिसंबर सुबह 8:37 बजे शुरू होकर 5 दिसंबर सुबह 4:43 बजे तक जारी रहेगी। इस दिन भगवान दत्तात्रेय, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार व्रत, स्नान, दान और मंत्रजप से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 4 दिसंबर को ही रखा जाएगा, क्योंकि धार्मिक परंपराओं में व्रत तिथि के आरंभकाल के आधार पर किया जाता है। इसे सुख, समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन श्रीविष्णु और लक्ष्मीजी की आराधना से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान, दान और भगवान विष्णु की कथा श्रवण करने का विशेष महत्व है। श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन किए गए दान और जप से प्राप्त पुण्य सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाता है।

इन मंत्रों के जप से मिलेगा विशेष लाभ

ज्योतिषाचार्य के अनुसार आज भगवान विष्णु की पूजा के समय इन मंत्रों का जप अत्यंत फलदायी है—

  • नमो भगवते वासुदेवाय
  • नमो नारायणाय

तुलसी या चंदन की माला से इन मंत्रों का जप करने पर भगवान श्रीहरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
माता लक्ष्मी की आराधना करने के लिए कमल पुष्प, पीली कौड़ी, कमलगट्टा और गोमती चक्र अर्पित कर घी का दीपक जलाकर श्रीसूक्त का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

आज भूलकर भी न करें ये काम

पूर्णिमा व्रत के दौरान इन चीज़ों का परहेज़ आवश्यक है—

  • तामसिक भोजन: मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज़
  • नशीले पदार्थों का सेवन
  • काले रंग के कपड़े पहनना (नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है)

ज्योतिषाचार्य सुझाव देते हैं कि पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को हल्के, सात्विक और शुभ रंग के वस्त्र पहनने चाहिए, जिससे देवी-देवताओं की कृपा अधिक प्रबल होती है।