बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग के दौरान लखीसराय में बड़ा राजनीतिक तनाव पैदा हो गया। भाजपा उम्मीदवार और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर कथित तौर पर पत्थर, कीचड़, गोबर और जूते-चप्पल फेंके गए। इस हमले के बाद सिन्हा ने लखीसराय के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय कुमार पर गंभीर टिप्पणी की और उन्हें “कमजोर, कायर और निकम्मा” तक कह दिया। इस विवाद के बाद अब यह जानना जरूरी हो गया है कि IPS अजय कुमार आखिर हैं कौन?
कौन हैं IPS अजय कुमार?
सरकारी पोर्टल ips.gov.in के अनुसार अजय कुमार मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और उनका जन्म 5 दिसंबर 1972 को हुआ। वे पेशे से एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और उन्होंने प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में B.Tech किया है।
अजय कुमार की सेवा यात्रा राज्य पुलिस सेवा (SPS) से शुरू हुई थी। मेहनत और अनुभव के आधार पर उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रमोशन मिला।
अजय कुमार को एक अनुभवी और शांत स्वभाव के अधिकारी के रूप में जाना जाता है, लेकिन चुनावी माहौल में हुए हमले और उपमुख्यमंत्री की नाराज़गी के बाद उनकी कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
कैसे हुआ हमला?
पहले चरण की वोटिंग के दौरान विजय सिन्हा अपने निर्वाचन क्षेत्र में पोलिंग बूथों का निरीक्षण कर रहे थे। जब उनका काफिला रामगढ़ चौक थाना क्षेत्र के खोरीयारी गांव से गुजर रहा था, तभी बूथ संख्या 404 और 405 के पास अचानक कुछ लोगों ने काफिले पर हमला कर दिया।
हमले में —
जैसी घटनाएँ सामने आईं।
विजय सिन्हा का आरोप है कि यह हमला RJD समर्थकों द्वारा बूथ कैप्चरिंग और अतिपिछड़े वोटरों को डराने के लिए किया गया।
घटना के बाद उपमुख्यमंत्री मौके पर ही धरने पर बैठ गए और आरोप लगाया कि पुलिस की “मौन सहमति” के बिना ऐसा हमला संभव नहीं। स्थिति संभालने के लिए SP अजय कुमार और DM मौके पर पहुँचे और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
विजय सिन्हा का गुस्सा क्यों फूटा?
हमले के बाद विजय सिन्हा ने SP अजय कुमार पर खुलकर हमला बोला। उन्होंने कहा—
सिन्हा ने RJD समर्थकों पर बूथ कैप्चरिंग और वोटरों को धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा।
चुनाव आयोग की कड़ी निगरानी
घटना के बाद चुनाव आयोग तुरंत सक्रिय हो गया।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं, लेकिन सुरक्षा और निष्पक्ष मतदान प्रशासन की प्राथमिकता बनी हुई है।