दिवाली उत्सव हादसे में बदला, कार्बाइड गन ने छीनीं मासूमों की रोशनी, अब खरीद पर लगा बैन

दिवाली उत्सव हादसे में बदला, कार्बाइड गन ने छीनीं मासूमों की रोशनी, अब खरीद पर लगा बैन
October 24, 2025 at 7:42 pm

इस वर्ष की दिवाली के अवसर पर कई राज्यों में Calcium carbide से तैयार की जाने वाली “कार्बाइड गन” नामक उपकरणों के इस्तेमाल का एक डरावना पहलू सामने आया है। मध्य प्रदेश में लगभग 300 से अधिक लोगों को इस दौरान आँखों में चोटें आई हैं, जिसमें बच्चों की संख्या भी शामिल है।

ये उपकरण अक्सर किसान‐उपयोगी गैजेट के नाम पर बेचे जाते हैं, जिनका उद्देश्य बंदरों या पक्षियों को भगाना होता है। लेकिन उत्सवों के दौरान इन्हें आतिशबाज़ी की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे विस्फोट और तेज़ धमाके हो रहे हैं, और परिणामस्वरूप आँखों में कोर्नियल जलन, लिम्बल इस्कीमिया और रेटिना तक की चोटें देखने को मिल रही हैं।

क्या होती है आँखों पर असर और कब जोखिम गंभीर होता है?

Dr. Radhika Tandon, चैयरपर्सन, ने कहा है कि कार्बाइड गन द्वारा उत्पन्न तेज़ उत्सर्जन या ज्वलनशील गैस आँखों के पृष्ठीय भाग, यानी रेटिना तथा ग्लोब के पर्दे, को प्रभावित कर सकते हैं। इस तरह की चोटों का इलाज संभव है — लेकिन परिणाम हमेशा पूर्ववत नहीं होते हैं।

विशेष रूप से निम्न-परिस्थितियों में जोखिम अधिक होता है:

  • यदि धमाका आँख के बेहद करीब हुआ हो,
  • कोर्निया या ग्लोब खोलने वाली चोट (open‐globe injury) हुई हो,
  • समय पर चिकित्सा सुविधा न मिली हो।

शोध अनुसार, एयरगन‐प्रकार के कार्बाइड गन से आँख की दृष्टि पूरी तरह भी लौट सकती है या स्थायी क्षति हो सकती है।

इलाज चिकित्सा दिशानिर्देश

डॉ. टंडन ने इन प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया है:

  • अगर कार्बाइड गन से चोट लगी हो → तत्काल आँख चिकित्सक से संपर्क करें।
  • कॉर्नियल जलन या धुंधली दृष्टि महसूस हो तो देर न करें।
  • चोट के तुरंत बाद खुद उपचार या घरेलू उपाय न करें, क्योंकि संक्रमण व आगे की जटिलताओं का जोखिम रहता है।
  • चिकित्सा में शामिल हो सकते हैं: टेम्परेरी विजन सपोर्ट, कोर्निया ट्रांसप्लांटेशन, विटामिन / एंटी-इंफ्लेमेटरी थेरेपी।

इस तरह की चोटे अक्सर अस्पताल में भर्ती और एडवांस्ड ऑप्टोमेट्रिक व सर्जिकल देखभाल की मांग करती हैं।

सावधानी बेहतर इलाज सेक्या करें, क्या करें

  • कार्बाइड गन या उससे मिलते उपकरण का इस्तेमाल न करें। कानूनी रूप से इन पर प्रतिबंध हो सकता है।
  • उत्सव के दौरान बच्चों को ऐसे उपकरणों से दूर रखें।
  • हमेशा मानक आतिशबाज़ी उपकरणों का ही प्रयोग करें तथा निर्देशों का पालन करें।
  • आंखों में चोट लगने पर समय पर अस्पताल जाएँ। देर करना दृष्टि को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकता है।


निष्कर्ष

दिवाली-उत्सव की खुशी में अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग आँखों का जोखिम उठा रहे हैं, तो यह मात्र लापरवाही नहीं बल्कि चेतावनी की घंटी है। कार्बाइड गन जैसे खतरनाक उपकरणों का प्रयोग न केवल व्यक्तिगत बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है।