कासिबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में मची भगदड़: श्रद्धालुओं पर टूटी आफत, 9 की मौत, कई घायल

कासिबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में मची भगदड़: श्रद्धालुओं पर टूटी आफत, 9 की मौत, कई घायल
November 1, 2025 at 2:47 pm

Kasibugga Venkateswara Swamy Temple Stampede:
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के कासिबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार सुबह एकादशी के मौके पर भीषण भगदड़ मच गई. इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर की संकरी सीढ़ियों पर अत्यधिक भीड़ जमा हो जाने से यह घटना हुई.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हजारों भक्त सुबह-सुबह भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे थे. इसी दौरान संकरी सीढ़ियों पर भीड़ का दबाव बढ़ गया और कई लोग गिर पड़े, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में महिलाओं और बुजुर्गों को फूलों की टोकरी लिए चीखते-चिल्लाते देखा जा सकता है, जो भीड़ में फंसकर कुचल गए.

निर्माणाधीन क्षेत्र में हुई त्रासदी

जानकारी के मुताबिक, यह हादसा पलासा मंडल के कासिबुग्गा में तब हुआ जब मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन चल रहा था. मंदिर का यह हिस्सा अभी निर्माणाधीन बताया जा रहा है, और यहां भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किए गए थे. प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, यह मंदिर निजी प्रबंधन के अधीन है और राज्य के एंडोमेंट्स विभाग के तहत नहीं आता. आयोजकों ने इस सभा के लिए कोई आधिकारिक अनुमति भी नहीं ली थी.

मुख्यमंत्री नायडू ने जताया शोक

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा —

“कासिबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ से श्रद्धालुओं की मौत बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. मैंने अधिकारियों को घायलों के इलाज के पुख्ता इंतज़ाम करने के निर्देश दिए हैं।”

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और स्थानीय नेताओं को राहत कार्यों की निगरानी के आदेश दिए हैं.
वहीं, आरटीजीएस मंत्री नारा लोकेश भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा —

“एकादशी के दिन यह बड़ी त्रासदी है. सरकार घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान कर रही है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है।”

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. बताया गया कि मंदिर करीब 12 एकड़ में फैला हुआ है और यहां हर साल दूर-दराज़ से श्रद्धालु आते हैं.

भीड़ प्रबंधन की कमी के कारण यह हादसा हुआ. यह इस वर्ष आंध्र प्रदेश में तीसरी बड़ी धार्मिक दुर्घटना है —

  • जनवरी में तिरुपति में भगदड़ से 6 लोगों की मौत हुई थी.
  • अप्रैल में विशाखापत्तनम के सिम्हाचलम मंदिर में दीवार गिरने से 7 श्रद्धालुओं की जान गई थी.

सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और राहत-बचाव कार्य जारी है.