देशभर में अपने अनोखे टीचिंग स्टाइल और देसी अंदाज से लोकप्रिय खान सर अब शिक्षा के बाद स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठा रहे हैं।
उनका नया अस्पताल पटना में तैयार हो रहा है और हाल ही में ऑपरेशन थिएटर (Operation Theatre) की पहली तस्वीरें सामने आई हैं।
इन तस्वीरों में अस्पताल के अंदर की झलक साफ नजर आती है —
चमचमाती मशीनें, आधुनिक उपकरण, साफ-सुथरा माहौल और अनुभवी डॉक्टरों की टीम के लिए तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर।
“मरीज नहीं, मेहमान आएंगे” — खान सर का विज़न
खान सर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उनका उद्देश्य सिर्फ इलाज देना नहीं बल्कि लोगों को सम्मानपूर्वक सेवा देना है।
उन्होंने कहा —
“हमारे अस्पताल में कोई मरीज नहीं आएगा, सब मेहमान बनकर आएंगे। यहाँ इलाज के साथ-साथ आत्मीयता भी मिलेगी।”
उनके इस बयान ने लोगों के दिल जीत लिए हैं और सोशल मीडिया पर यह क्लिप वायरल हो रही है।
लोग कह रहे हैं कि “अगर ऐसे अस्पताल हर जिले में बन जाएँ, तो किसी को दिल्ली या मुंबई जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।”
आधुनिक तकनीक और सस्ती चिकित्सा — एक नई दिशा
खान सर के अस्पताल में अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, इमरजेंसी यूनिट, आईसीयू, और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
खास बात यह है कि यह अस्पताल मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल का ढांचा “टूटी-फूटी बिल्डिंग” से पूरी तरह नया रूप लेकर तैयार किया गया है।
इसमें मेडिकल गैस सप्लाई, आधुनिक सर्जिकल उपकरण और स्टेराइल (संक्रमण-मुक्त) सिस्टम जैसी हाई-स्टैंडर्ड सुविधाएं जोड़ी गई हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया
जैसे ही खान सर ने अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर की झलक साझा की, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
कई यूजर्स ने लिखा —
“खान सर सिर्फ शिक्षा नहीं दे रहे, अब स्वास्थ्य का भी उजाला फैला रहे हैं।”
दूसरे यूजर ने कहा —
“अगर हर शिक्षक ऐसा सोचने लगे, तो भारत का हर क्षेत्र प्रगति करेगा।”
भविष्य की योजना
खान सर के अस्पताल का उद्घाटन जल्द ही पटना में होने वाला है।
इसके बाद वे बिहार के अन्य जिलों में भी ऐसी स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
बताया जा रहा है कि आगे चलकर यहाँ फ्री मेडिकल कैंप, ब्लड डोनेशन ड्राइव और हेल्थ एजुकेशन प्रोग्राम्स भी आयोजित किए जाएंगे।
खान सर का मिशन: शिक्षा से स्वास्थ्य तक सेवा का विस्तार
खान सर पहले ही शिक्षा के माध्यम से लाखों युवाओं के जीवन में बदलाव ला चुके हैं।
अब वे स्वास्थ्य क्षेत्र में कदम रखकर “समाज के हर वर्ग तक सेवा पहुँचाने” के अपने संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं।
उनकी यह पहल इस बात का प्रमाण है कि अगर इच्छा और ईमानदारी हो, तो शिक्षक भी समाज–निर्माता बन सकते हैं — सिर्फ क्लासरूम में नहीं, बल्कि अस्पताल के वार्ड में भी।