भारत में इस समय मौसम के दो बड़े रूप एक साथ देखने को मिल रहे हैं। उत्तर भारत में गिरते तापमान और बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, वहीं बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे मौसम तंत्र ने दक्षिण भारत के लिए खतरा बढ़ा दिया है।
दिल्ली में हवा फिर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में
तापमान घटते ही दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर प्रदूषण का कहर लौट आया है।
26 नवंबर 2025 को बवाना में AQI 382 दर्ज किया गया, जो ‘वेरी पूअर’ कैटेगरी में आता है। ऐसे में बिना मास्क बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
सबसे अधिक खतरा इन लोगों को है:
प्रदूषण नियंत्रण के तमाम प्रयासों के बावजूद राजधानी की हवा लगातार बिगड़ती जा रही है।
उत्तर भारत में ठंड का असर बढ़ा
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के बाद
मैदानी क्षेत्रों में तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
आने वाले दिनों में उत्तर भारत—हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली समेत—कई राज्यों में ठंड बढ़ने की आशंका है।
बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘सेनयार’ का खतरा बढ़ा
बंगाल की खाड़ी में मौसम तेजी से करवट ले रहा है।
IMD के अनुसार:
✔ मलक्का जलडमरूमध्य के पास बना वेल-मार्क्ड लो प्रेशर एरिया गहराकर डिप्रेशन में बदल चुका है।
✔ दक्षिण–पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के पास एक अन्य लो–प्रेशर एक्टिव है।
दोनों सिस्टम मिलकर चक्रवात ‘सेनयार’ को और मजबूत कर सकते हैं।
इससे तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और अंडमान–निकोबार में भारी से बहुत भारी बारिश की स्थिति बन रही है।
कहां–कब होगी बारिश? (IMD Forecast)
तमिलनाडु:
केरल व माहे:
कोस्टल आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा:
अंडमान-निकोबार:
घना कोहरा और तापमान में गिरावट
निष्कर्ष
दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्तर पर है और स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। वहीं बंगाल की खाड़ी में बन रहे दो मौसम तंत्र दक्षिण भारत में भारी बारिश और चक्रवात के खतरे को बढ़ा रहे हैं। IMD ने कई राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है, इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है।