दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए धमाके की जांच में अब एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि जैश-ए-मोहम्मद की लेडी विंग कमांडर डॉ. शाहीन ने कानपुर और आसपास के जिलों में कम उम्र की लड़कियों का एक संगठित स्लीपर सेल नेटवर्क तैयार कर रखा था।
सबसे सनसनीखेज बात यह सामने आई है कि शाहीन की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद उसकी टीम की लगभग सभी महिला सदस्यों के मोबाइल फोन एक साथ बंद हो गए, जिससे एजेंसियों का शक और गहरा गया है।
गरीब परिवारों की लड़कियों को ब्रेनवॉश कर बनाया हिस्सा
जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन ने
जैसे जिलों में गरीब परिवारों की किशोर लड़कियों को “बेहतर जिंदगी”, “धार्मिक शिक्षा” और “सुरक्षा” के नाम पर अपने संगठन जमात–उल–मोमिनात में शामिल कराया।
इन लड़कियों को कट्टरपंथी सिद्धांतों से ब्रेनवॉश कर जिहादी गतिविधियों के लिए तैयार किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, शाहीन की टीम में 19 से ज्यादा महिलाएं थीं जिनके मोबाइल पिछले दिनों एक साथ बंद मिले, जिससे गहरी साजिश का संकेत मिलता है।
NIA और ATS का डॉक्टरों पर शिकंजा—10 से ज्यादा डॉक्टरों से पूछताछ
एनआईए की रिपोर्ट के आधार पर यूपी ATS ने शुक्रवार को 10 से अधिक डॉक्टरों से पूछताछ की, जिनका तार डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल और डॉ. शाहीन से जुड़ा बताया जा रहा है।
जिन जिलों में पूछताछ हुई उनमें शामिल हैं—
मुरादाबाद के तीन डॉक्टर सवालों के घेरे में हैं, जिनके मोबाइल धमाके के बाद बंद हो गए थे और बाद में फरीदाबाद में उनकी लोकेशन मिली थी।
ATS ने जुटाए अहम सुबूत, NIA को सौंपी केस प्रॉपर्टी
डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज के घर की तलाशी में ATS को कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज और संदिग्ध रिकॉर्ड मिले हैं, जिन्हें आगे की जांच के लिए NIA को सौंप दिया गया है।
हालांकि NIA ने अभी इस मामले में औपचारिक FIR दर्ज नहीं की है, लेकिन सारी केस प्रॉपर्टी उनके हवाले कर दी गई है।
दिल्ली धमाके में ‘कानपुर के सिम कार्ड’ का इस्तेमाल
जांच में सबसे बड़ा खुलासा यह है कि धमाके को ऑपरेट करने में कानपुर से खरीदे गए सिम कार्ड का इस्तेमाल हुआ।
आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर ने धमाके से ठीक पहले कई नंबरों पर कॉल की और फोन तुरंत बंद कर दिया।
BTS डेटा में जिन नंबरों की लोकेशन ट्रेस हुई, उनमें कई सिम कानपुर के बेकनगंज क्षेत्र से खरीदे गए निकले हैं। अब दुकानदारों और खरीदारों की पहचान की जा रही है।
गिरफ्तारी के बाद मोबाइल बंद होने से एजेंसियों में अलर्ट
शाहीन की महिला टीम के सभी नंबर गिरफ्तारी के बाद बंद हो गए। एजेंसियों को शक है कि
अब खुफिया विभाग टेलिकॉम कंपनियों से 10 नवंबर के बाद जारी नए सिम की डिटेल जुटा रहा है ताकि इन नंबरों का पीछा किया जा सके।
निष्कर्ष
दिल्ली धमाके का कानपुर कनेक्शन सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि साजिश का नेटवर्क बेहद बड़ा और संगठित था। महिला स्लीपर सेल की मौजूदगी ने जांच एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
आने वाले दिनों में NIA और ATS कई और बड़े खुलासे कर सकती हैं।