दिल्ली में शीत लहर की एंट्री, 5° तक गिरेगा तापमान; प्रदूषण भी ‘गंभीर’, जानें IMD का अलर्ट

दिल्ली में शीत लहर की एंट्री, 5° तक गिरेगा तापमान; प्रदूषण भी ‘गंभीर’, जानें IMD का अलर्ट
December 4, 2025 at 1:53 pm

दिल्ली–NCR में सर्दी अब अपना तेज़ असर दिखाने वाली है। मौसम विभाग (IMD) की ताज़ा भविष्यवाणी के अनुसार 5 दिसंबर से राजधानी और आसपास के इलाकों में कड़कड़ाती शीतलहर की स्थिति बन सकती है। न्यूनतम तापमान कई स्थानों पर 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरने का अनुमान है। मौसम के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी दिल्ली वालों की परेशानी बढ़ा रहा है।

सबसे ठंडा दिन रहा 3 दिसंबर

3 दिसंबर दिल्ली का अब तक का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। सफदरजंग में अधिकतम तापमान 23.7°C रहा, जो सामान्य से लगभग 1.6°C कम है। IMD के अनुसार 4 दिसंबर को अधिकतम तापमान 24°C और न्यूनतम तापमान 5°C तक जा सकता है।

दिल्ली की हवा फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में

दिल्ली–NCR में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। गुरुवार सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों में दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश स्टेशनों पर AQI 300–350 के बीच दर्ज हुआ, जो बहुत खराब से गंभीर  श्रेणी में आता है।

  • ओखला फेज 2, पंजाबी बाग, पटपड़गंज, रोहिणी और आरके पुरम में AQI 309–344 रहा।
  • कुछ स्टेशनों पर स्तर 327 से 340 तक पहुँच गया।
  • केवल पूसा में AQI 289 दर्ज हुआ, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी की निचली सीमा पर है।

IMD का अलर्ट: तापमान में लगातार गिरावट

मौसम विभाग के मुताबिक, 4 से 9 दिसंबर के दौरान दिल्ली–NCR का न्यूनतम तापमान 11°C से घटकर 9°C या उससे कम पहुँच सकता है। कई स्थानों पर तापमान 5°C तक गिरने की संभावना है।
अधिकतम तापमान इस दौरान 21–23°C के बीच रहेगा।

कम होती हवा की गति और छाने वाले कोहरे के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना बेहद कम है।

स्वास्थ्य पर दोहरा असर: ठंड+प्रदूषण

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि सख्त ठंड और प्रदूषण का संयुक्त असर बुजुर्गों, बच्चों और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
सलाह:

  • घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें
  • सुबह-शाम अनावश्यक बाहर निकलने से बचें

पवन आधारित मॉनिटरिंग से बदलेगा प्रदूषण नियंत्रण

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) दिल्ली–NCR में प्रदूषण नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए एक डिजिटल मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है।

इस प्लेटफॉर्म में—

  • सभी प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों को एक ही डिजिटल सिस्टम में जोड़ा जाएगा
  • हवा की दिशा और गति के आधार पर प्रदूषण स्रोतों की रियल-टाइम पहचान की जाएगी
  • निर्माण स्थलों, धूल के हॉटस्पॉट, फैक्ट्रियों के उत्सर्जन की निगरानी ‘पवन रडार’ से होगी
  • कौन-सा स्रोत कितना प्रदूषण फैला रहा है और किस तरह की कार्रवाई का कितना असर होगा—यह डेटा भी सिस्टम बताएगा

यह प्लेटफॉर्म अगली सर्दियों से पहले लागू किए जाने की संभावना है।

दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारण(CAQM रिपोर्ट)

  • वाहनों और उद्योगों का उत्सर्जन
  • निर्माण और ध्वस्तीकरण की धूल
  • सर्दियों में कचरा जलाना
  • पड़ोसी राज्यों में पराली
  • सड़कों की धूल

सर्दियों में AQI गिरने पर GRAP-4 लागू करना पड़ता है, जिसके कारण

  • ऑफिस टाइमिंग में बदलाव
  • वर्क फ्रॉम होम
  • इंडस्ट्री बंद
    जैसे फैसले लेने पड़ते हैं, जिससे दिहाड़ी मजदूर और उद्योग सीधे प्रभावित होते हैं।