दिल्ली के एक स्कूल में पढ़ने वाले 8वीं कक्षा के छात्र की आत्महत्या ने शिक्षा व्यवस्था, स्कूल प्रबंधन और टीचर-स्टूडेंट व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार का आरोप है कि बच्चा पिछले कई महीनों से अपनी क्लास टीचर की लगातार डांट, अपमान और कथित मानसिक प्रताड़ना से टूट चुका था। आठ साल से एक ही स्कूल में पढ़ रहा यह छात्र आखिरकार इतना दबाव झेल गया कि उसने मेट्रो स्टेशन से कूदकर अपनी जान दे दी।
परिवार का दावा: लगातार डांट और अपमान से बच्चा टूट गया
परिजनों का कहना है कि टीचर अक्सर बच्चे को पूरी क्लास के सामने डांटती थीं और ‘शरारती’ या ‘जोक सुनाने वाला’ कहकर उसे अपमानित करती थीं। परिवार ने कई बार स्कूल में शिकायत की, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
मां ने कहा—स्कूल बदलेंगे, टीचर बोलीं—“हम खुद टीसी दे देंगे”
मां के अनुसार, जब उन्होंने टीचर से स्कूल बदलने की बात की, तो टीचर ने कथित रूप से कहा—
“स्कूल बदलने की जरूरत नहीं, हम खुद इसे टीसी देकर निकाल देंगे।”
यह बात बच्चे ने खुद सुनी और इसके बाद से ही उसका व्यवहार बदलने लगा। परीक्षा से सिर्फ दस दिन पहले मिली इस ‘धमकी’ ने उसके मन में डर और तनाव और बढ़ा दिया।
क्लास में गिरा, रोया भी – फिर भी कहा गया ‘ड्रामा मत कर’
परिवार का आरोप है कि आत्महत्या से दो दिन पहले बच्चा क्लास में फिसलकर गिर गया था और उसके घुटनों में चोट आई थी। लेकिन टीचर ने मदद करने के बजाय उसे डांटते हुए कहा कि वह “नाटक कर रहा है।”
घरवालों के मुताबिक इस घटना के बाद बच्चा बेहद शांत और गुमसुम हो गया था।
दोपहर में फोन आया—“आपका बेटा मेट्रो स्टेशन से गिर गया”
घटना वाले दिन परिवार को दोपहर करीब 2:45 बजे स्कूल से फोन आया कि उनका बेटा मेट्रो स्टेशन से गिर गया है। जब तक परिवार वहां पहुंचा, तब तक हालात बेहद गंभीर हो चुके थे। अस्पताल में उन्हें सुसाइड नोट मिलने की जानकारी दी गई।
सुसाइड नोट में टीचर का नाम – परिवार से मांगी माफी, अंगदान की इच्छा जताई
नोट में बच्चे ने उस टीचर का नाम लिखा, जिसे वह मानसिक दबाव के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है।
उसने लिखा कि वह माता-पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका और उनसे माफी मांगी।
नोट में उसने अपने अंग जरूरतमंद लोगों को दान करने की इच्छा भी जताई।
सबसे दर्दनाक बात यह थी कि उसने लिखा—
“मेरी तरह कोई और बच्चा ऐसा कदम न उठाए। टीचरों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
परिवार ने लगाई न्याय की गुहार, स्कूल की चुप्पी बरकरार
परिवार आरोपी टीचर और स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायत की थी, लेकिन स्कूल ने न तो बच्चे की बात सुनी और न कोई जांच की।
वहीं, स्कूल की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है।