दिल्ली परिवहन निगम में कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर मनमानी और रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। बस कंडक्टर अंकुर त्यागी और कर्मचारी पंकज शर्मा ने निगम के वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि ₹2 लाख की रिश्वत न देने पर नौकरी से बाहर कर दिया गया।
ताजा मामला दिल्ली के बुराड़ी बस डिपो से जुड़ा है, जहां वर्ष 2020 से कार्यरत कंडक्टर अंकुर त्यागी को साल 2023 में नौकरी से निकाल दिया गया। अंकुर का आरोप है कि बीमार पिता के इलाज के चलते उन्होंने डबल ड्यूटी करने से इनकार किया था, जिसके बाद उन्हें दोबारा ज्वाइन नहीं करने दिया गया।
डबल ड्यूटी से मना करना बना बर्खास्तगी की वजह
अंकुर त्यागी के मुताबिक, 2023 में उनके पिता गंभीर रूप से बीमार थे। इसी दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे लगातार डबल ड्यूटी करने का दबाव बनाया। पारिवारिक परिस्थितियों के चलते जब उन्होंने इनकार किया, तो कुछ समय बाद उनके घर पर बर्खास्तगी का नोटिस भेज दिया गया।
जब वह कारण जानने डिपो पहुंचे, तो बताया गया कि “डबल ड्यूटी से मना करने” के कारण उन्हें सेवा से हटा दिया गया है। इसके बाद से वह लगातार निगम के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन दोबारा ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही।
₹2 लाख रिश्वत मांगने का आरोप
अंकुर त्यागी ने दावा किया कि कुछ अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि अगर उन्हें फिर से नौकरी पर लौटना है, तो ₹2 लाख देने होंगे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह यह रकम नहीं दे पाए, जिसके चलते आज तक उन्हें बहाल नहीं किया गया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई अन्य कर्मचारियों को भी इसी तरह निकाला गया था, लेकिन जिन्होंने पैसे दे दिए, उन्हें दोबारा ज्वाइन करा लिया गया।
पंकज शर्मा ने लगाए और भी गंभीर आरोप
इससे पहले नंद नगरी बस डिपो में कार्यरत पंकज शर्मा ने भी दिल्ली परिवहन निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि राजघाट बस डिपो में एक महिला कर्मचारी को जबरन नौकरी से निकाला गया, जिसका वीडियो उनके पास मौजूद है।
पंकज शर्मा का कहना है कि निगम को मेहनती ड्राइवर और कंडक्टर नहीं, बल्कि ऐसे कर्मचारी चाहिए जो बिना सवाल किए हर आदेश मानें।
फिलहाल इन आरोपों पर परिवहन निगम की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।