लाल किला ब्लास्ट में दिल्ली पुलिस के दो हीरो: धधकती कारों और फटते CNG टैंकों के बीच 20 जानें बचाईं

लाल किला ब्लास्ट में दिल्ली पुलिस के दो हीरो: धधकती कारों और फटते CNG टैंकों के बीच 20 जानें बचाईं
November 15, 2025 at 8:37 pm

10 नवंबर की शाम लाल किले के पास हुए आतंकी धमाकों ने पूरे इलाके को दहशत में ला दिया। मुश्किल यह थी कि विस्फोट के बाद कई कारों में आग लग गई और आसपास खड़े CNG टैंकों के फटने की आवाजों से माहौल युद्धभूमि जैसा हो गया। इसी अफरातफरी में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल थान सिंह और अजय कुमार ने अपनी जान की परवाह किए बिना 15–20 से ज्यादा घायलों को अस्पताल पहुंचाकर असाधारण बहादुरी दिखाई।

धमाके के कुछ सेकंड बाद ही मौके पर पहुंच गए दोनों जवान

शाम करीब 7 बजे के आसपास पहला धमाका हुआ। पुलिस स्टेशन में मौजूद थान सिंह और अजय को सिर्फ तेज आवाज सुनाई दी, लेकिन वे बिना किसी आदेश का इंतजार किए मौके की ओर दौड़ पड़े। वहां का दृश्य दिल दहला देने वाला था—

  • चारों ओर घायल लोग
  • जलती हुई गाड़ियां
  • लगातार फटते हुए CNG टैंक
  • धुएं का गुबार और भगदड़

अजय कुमार बताते हैं, “हम एक मिनट के अंदर स्पॉट पर पहुंच गए थे। चारों तरफ लोग चीख रहे थे, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वे घायलों को छू सकें।”

एम्बुलेंस का इंतजार नहींमौत से लड़कर लोगों को उठाते रहे

हालात बिगड़ते देख दोनों जवानों ने एम्बुलेंस का इंतजार करना ठीक नहीं समझा। उन्होंने खुद घायलों को उठाकर पुलिस वाहनों और आसपास की गाड़ियों में डालना शुरू कर दिया।

थान सिंह कहते हैं,
“डरने का वक्त ही नहीं था। बस यही लगा कि जितनी जानें बचा सकते हैं, बचानी हैं।”

कुछ ही मिनटों में दोनों पुलिसकर्मियों ने 15–20 गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान आसपास टैंक फटते रहे, आग की लपटें बढ़ती रहीं, लेकिन दोनों जवान लगातार लोगों को बाहर निकालते रहे।

अराजकता के बीच उठे असली हीरो

इस पूरे घटनाक्रम में हेड कांस्टेबल थान सिंह और अजय कुमार ने जिस तरह अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों की मदद की, उसने उन्हें ‘रियल लाइफ हीरो’ बना दिया है। उनकी बहादुरी से कई परिवारों की जिंदगियां बच गईं।