वैष्णो देवी यात्रा पर जाने वालों के लिए जरूरी खबर: नए साल पर बदले दर्शन और चढ़ाई के नियम, जानें क्या है नया सिस्टम

वैष्णो देवी यात्रा पर जाने वालों के लिए जरूरी खबर: नए  साल पर बदले दर्शन और चढ़ाई के नियम, जानें  क्या है नया सिस्टम
December 23, 2025 at 1:06 pm

नववर्ष के मौके पर माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा और दर्शन के नियमों में अहम बदलाव किए हैं. इन नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ट्रैक पर भीड़ को नियंत्रित करना है. ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं.

RFID यात्रा कार्ड से जुड़े नए नियम

नए नियमों के अनुसार, RFID यात्रा कार्ड जारी होने के बाद श्रद्धालुओं को अधिकतम 10 घंटे के भीतर यात्रा शुरू करनी होगी. वहीं, माता रानी के दर्शन करने के बाद 24 घंटे के अंदर कटरा बेस कैंप लौटना अनिवार्य कर दिया गया है.

क्या था पुराना नियम?

पहले RFID कार्ड मिलने के बाद यात्रा शुरू करने की कोई तय समय सीमा नहीं थी. श्रद्धालु अपनी सुविधा से यात्रा शुरू करते थे और दर्शन के बाद कई-कई दिन भवन क्षेत्र में रुक जाते थे. इससे ट्रैक पर अत्यधिक भीड़, जाम और सुरक्षा जोखिम बढ़ जाते थे.

वैष्णो देवी यात्रा में कितना समय लगता है?

  • कटरा से भवन (13 किमी)
    • पैदल: 6–8 घंटे चढ़ाई, 6–8 घंटे उतराई
    • हेलिकॉप्टर: कुल 4–6 घंटे

  • दर्शन लाइन: 2 से 6 घंटे (भीड़ पर निर्भर)

  • कुल यात्रा समय:
    • सामान्य दिनों में: 24–36 घंटे
    • नववर्ष की भीड़ में: 48 घंटे तक

कैसे पहुंचें कटरा ?

  • ट्रेन: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन → कटरा (50 किमी, ~1.5 घंटे)
  • हवाई यात्रा: जम्मू एयरपोर्ट (70 किमी), श्रीनगर एयरपोर्ट (200 किमी)
  • सड़क मार्ग: जम्मू या पठानकोट से बस/टैक्सी

कटरा से भवन जाने के विकल्प

  • पैदल यात्रा (13 किमी)
  • बैटरी कार
  • घोड़ा/पिट्ठू
  • हेलिकॉप्टर सेवा (लगभग ₹1500–2000)

ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है

नए नियमों से श्रद्धालुओं को क्या फायदा?

  • ट्रैक पर भीड़ और जाम में कमी
  • आपात स्थिति में रेस्क्यू आसान
  • ठंड और बीमारी का खतरा कम
  • महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित यात्रा
  • दर्शन व्यवस्था ज्यादा तेज और सुव्यवस्थित

श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कटरा रेलवे स्टेशन स्थित पंजीकरण केंद्र को रात 12 बजे तक खुला रखने का फैसला भी किया है. बोर्ड का कहना है कि इन नियमों का मकसद श्रद्धालुओं को रोकना नहीं, बल्कि सुरक्षित और सुगम दर्शन सुनिश्चित करना है.