सर्दियों की शुरुआत के साथ मध्य प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) और IQAir की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, आज मध्य प्रदेश का औसत AQI करीब 112 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह स्तर फिलहाल सुरक्षित है, लेकिन संवेदनशील समूहों— बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों—के लिए जोखिम बढ़ा सकता है।
भोपाल: AQI 98, सुबह दृश्यता घटी
राजधानी भोपाल में आज AQI 98 दर्ज किया गया। मुख्य प्रदूषक PM2.5 है, जिसकी मात्रा वाहनों और निर्माण कार्यों के कारण बढ़ी है। सुबह शहर में हल्की धुंध की परत रही, जिससे दृश्यता पर असर पड़ा।
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. राकेश शर्मा ने कहा:
“भोपाल में हरित क्षेत्र बढ़ाया जाए तो प्रदूषण 10–15% तक कम किया जा सकता है। सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए।”
इंदौर: स्वच्छ शहर फिर भी खतरा बरकरार
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में आज AQI 85 रहा, जो नियंत्रण में है।
PM2.5 का स्तर 25 µg/m³ दर्ज किया गया।
हालांकि, ट्रैफिक वाले इलाकों में हवा फिर भी प्रभावित दिखी।
एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“अभी हवा ठीक है, लेकिन सर्दी में पराली जलाने से खतरा बढ़ जाता है।”
ग्वालियर: AQI 145, संवेदनशील समूहों के लिए सबसे खतरनाक
ग्वालियर में आज प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा दर्ज किया गया।
AQI 145 पहुंचने से शहर ‘अनहेल्दी फॉर सेंसिटिव ग्रुप्स’ श्रेणी में आ गया है।
मुख्य प्रदूषक PM10 है, जो धूल और औद्योगिक गतिविधियों से बढ़ता है।
नगर प्रशासन ने फोर्ट क्षेत्र के आसपास निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक लगा दी है।
जबलपुर, उज्जैन, सागर — मध्यम प्रदूषण स्तर
प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार PM2.5 का सुरक्षित स्तर 10 µg/m³ से कम होना चाहिए, जबकि कई शहरों में आज यह 30–50 µg/m³ के बीच रहा।
सरकार की तैयारी
राज्य सरकार ने ‘हरित मध्य प्रदेश अभियान’ के तहत 50 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य तय किया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की योजना भी जारी है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा:
“हमारा लक्ष्य है कि प्रमुख शहरों में AQI को 100 से नीचे लाया जाए। इसके लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।”
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