न्यू ईयर पर महाकाल मंदिर में बड़ा बदलाव: भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग बंद, भीड़ संभालने के लिए लागू हुए 7 नए नियम

न्यू ईयर पर महाकाल मंदिर में बड़ा बदलाव: भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग बंद, भीड़ संभालने के लिए लागू हुए 7 नए नियम
December 7, 2025 at 7:54 pm

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में नए साल पर भारी भीड़ के अनुमान के चलते प्रशासन ने बड़े बदलाव लागू कर दिए हैं। भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक बंद कर दी गई है। इस अवधि में सभी पास केवल ऑफलाइन मोड में नियंत्रित होंगे।

पिछले वर्ष सर्वर क्रैश की घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है ताकि भीड़ के बीच तकनीकी गड़बड़ी न हो। प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा, पार्किंग और रूट डायवर्जन में कई नए प्रोटोकॉल लागू किए हैं।

नए साल पर लागू किए गए 7 बड़े नियम

  1. भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग बंद रहेगी।
  2. गर्भगृह प्रवेश के समय में संशोधन।
  3. शहर के सभी प्रमुख प्रवेश द्वारों पर रूट डायवर्ट।
  4. पार्किंग गाइडेंस सिस्टम अपडेट।
  5. दर्शन लाइन में RFID बैंड अनिवार्य।
  6. भीड़ अधिक होने पर गेट A और B अस्थायी तौर पर बंद हो सकेंगे।
  7. VIP पास सिर्फ प्रशासन के आदेश पर जारी होंगे।

इन नियमों का उद्देश्य भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और सुचारु दर्शन सुनिश्चित करना है। पिछले वर्षों में गलत पास एंट्री और लाइन मैनेजमेंट की शिकायतें बढ़ी थीं, इसलिए इस बार व्यवस्थाओं को और कठोर किया गया है।

भस्म आरती के लिए विशेष व्यवस्था

  • 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक सिर्फ ऑफलाइन बुकिंग
  • प्रतिदिन 3–4 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान
  • सुबह 4 बजे से बैरिकेडिंग शुरू
  • महिलाओं और बुजुर्गों के लिए अलग लाइन
  • मोबाइल पर पास की फोटो मान्य नहीं
  • सर्वर ओवरलोड रोकने के लिए डिजिटल बुकिंग बंद


सुरक्षा और ट्रैफिक की नई योजना

  • पूरे उज्जैन में पुलिस की बड़ी तैनाती
  • संवेदनशील सेक्टरों में बढ़ी CCTV मॉनिटरिंग
  • गर्भगृह की सुरक्षा में अतिरिक्त फोर्स
  • शहर में ट्रैफिक रूट समय-समय पर बदले जाएंगे


होटलफुल! रूम बुकिंग में बढ़ी मुश्किल

नए साल पर उज्जैन के होटल लगभग हाउसफुल हो चुके हैं। स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि यह सीजन महाशिवरात्रि के बाद सबसे व्यस्त है। प्रशासन ने संकेत दिए कि भीड़ बढ़ने पर और भी अस्थायी बदलाव लागू किए जा सकते हैं।

माला चढ़ाने पर सख्त नियम क्यों?

ASI–GSI की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, ज्योतिर्लिंग पर भारी माला, फूल और जल चढ़ाने से क्षरण बढ़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी बड़ी ‘अजगर मालाएं’ चढ़ाई जाती रहीं, इसलिए अब सख्ती बढ़ाई गई है।