UP पंचायत चुनाव 2026: फर्जी मतदान पर लगेगी पूरी तरह रोक, फेसियल रिकग्निशन और स्टेट वोटर नंबर लागू

UP पंचायत चुनाव 2026: फर्जी मतदान पर लगेगी पूरी तरह रोक, फेसियल रिकग्निशन और स्टेट वोटर नंबर लागू
December 19, 2025 at 4:24 pm

उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव 2026 को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने दो बड़े तकनीकी बदलावों का ऐलान किया है। इन बदलावों के लागू होने के बाद फर्जी मतदान की संभावनाएं लगभग खत्म हो जाएंगी। आयोग के मुताबिक, अब कोई भी व्यक्ति दूसरे की जगह वोट डालने की कोशिश करेगा तो वह तुरंत पकड़ा जाएगा।

लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य निर्वाचन आयुक्त आर.पी. सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव में पहली बार फेसियल रिकग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत हर मतदान केंद्र पर मतदाता के चेहरे की पहचान की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य मतदाता की जगह वोट डालने की कोशिश करता है, तो तकनीकी प्रणाली उसे तुरंत पहचान लेगी।

हर मतदाता को मिलेगा स्टेट वोटर नंबर

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पंचायत चुनाव में अब हर मतदाता को एक विशिष्ट स्टेट वोटर नंबर(State Voter Number) आवंटित किया जाएगा। इस नंबर की मदद से वोटर डेटा को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकेगा और डुप्लीकेट नामों की समस्या खत्म होगी। अगर किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक स्थानों पर मतदाता सूची में दर्ज है, तो स्टेट वोटर नंबर से उसकी तुरंत पहचान हो जाएगी।

मतदाता सूची में 40 लाख से अधिक की बढ़ोतरी

आयोग के अनुसार, हाल ही में हुए मतदाता पुनरीक्षण के दौरान प्रदेश में मतदाताओं की संख्या में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस प्रक्रिया में 1 करोड़ 81 लाख 96 हजार 367 नए मतदाताओं को जोड़ा गया, जबकि 1 करोड़ 41 लाख 76 हजार 809 अयोग्य मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए।
फाइनल मतदाता सूची में कुल 40 लाख 19 हजार 558 मतदाताओं की शुद्ध बढ़ोतरी हुई है, जो पिछली सूची की तुलना में लगभग 3.2 प्रतिशत अधिक है।

23 दिसंबर को जारी होगा फाइनल ड्राफ्ट

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पंचायत चुनाव की फाइनल वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट 23 दिसंबर को जारी किया जाएगा। इसके बाद मतदाता अपना नाम सूची में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से चेक कर सकेंगे। यदि किसी तरह की त्रुटि, आपत्ति या नाम कटने का दावा होता है, तो उसका निर्धारित समय में निस्तारण किया जाएगा।

आयोग का दावा है कि इन तकनीकी बदलावों से पंचायत चुनाव 2026 अब तक के सबसे पारदर्शी और भरोसेमंद चुनाव साबित होंगे।