पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को “खतरनाक” और “अराजक” बताए जाने के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल मतदाता सूची से अवैध नाम हटाने की प्रक्रिया में बाधा डालकर घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
अमित शाह का पलटवार: घुसपैठ रोकना जरूरी
अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत में घुसपैठ रोकना न सिर्फ देश की सुरक्षा, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए भी बेहद जरूरी है।
उन्होंने लिखा, “कुछ राजनीतिक दल चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के शुद्धिकरण के खिलाफ हैं और घुसपैठियों को बचाने में लगे हैं।”
हालांकि, गृह मंत्री ने किसी दल का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका बयान साफ तौर पर ममता बनर्जी की आलोचना की ओर इशारा करता है।
ममता बनर्जी का आरोप: ‘SIR प्रक्रिया अव्यवस्थित और खतरनाक’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर SIR प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।
उन्होंने कहा कि यह अभियान “अनियोजित, अव्यवस्थित और खतरनाक” तरीके से चलाया जा रहा है, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पहले दिन से ही प्रभावित हो गई है।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बुनियादी तैयारी, स्पष्ट संचार और पर्याप्त योजना के अभाव में BLO लगातार तकनीकी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
उनका दावा है कि सर्वर फेल होने, डेटा बेमेल और प्रशिक्षण की कमी के कारण अधिकारी 4 दिसंबर तक मतदाता सूची का डेटा सटीकता के साथ अपलोड नहीं कर पाएंगे।
मतदाताओं के अधिकार प्रभावित होने का खतरा
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अत्यधिक दबाव और कार्रवाई के डर की वजह से अधिकारी गलत या अधूरी प्रविष्टियां कर रहे हैं, जिससे वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से कट सकते हैं और मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है।
राजनीतिक टकराव तेज
SIR प्रक्रिया को लेकर बंगाल और केंद्र के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है। एक ओर ममता बनर्जी इसे अव्यवस्थित बता रही हैं, वहीं अमित शाह इसे घुसपैठ रोकने की अनिवार्य पहल बता रहे हैं।
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक तनाव और बढ़ने की उम्मीद है।