भारत और चीन ने कूटनीतिक संबंधों में सुधार के संकेत देते हुए पांच साल बाद फिर से सीधी वाणिज्यिक उड़ानें शुरू करने पर सहमति जताई है। यह सेवा इस महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी। कोरोना महामारी और सीमा विवाद के कारण 2020 में दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें रोक दी गई थीं।
कूटनीतिक रिश्तों में नई शुरुआत
2020 में जब कोरोना महामारी ने दुनिया को प्रभावित किया और गलवान घाटी में सीमा तनाव बढ़ा, तब भारत और चीन के बीच उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ताएं और कूटनीतिक प्रयासों से रिश्तों में सुधार हुआ है।
भारतीय दूतावास ने जानकारी दी कि अक्टूबर के अंत तक कुछ चुनिंदा शहरों के बीच सीधी उड़ानें शुरू होंगी। एयरलाइन कंपनियां अंतिम मंजूरी मिलने के बाद अपने शेड्यूल घोषित करेंगी। इस बीच IndiGo ने कोलकाता-ग्वांगझू के बीच 26 अक्टूबर से सेवा शुरू करने की घोषणा भी कर दी है।
व्यापार और पर्यटन को मिलेगी रफ्तार
सीधी उड़ानों की बहाली से दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा। अब यात्रियों को लंबे रूट और ट्रांजिट उड़ानों से राहत मिलेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे न केवल लॉजिस्टिक चुनौतियाँ कम होंगी बल्कि द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को भी मजबूती मिलेगी।
चुनौतियाँ भी बरकरार
हालांकि, यह पहल सकारात्मक संकेत है लेकिन दोनों देश सावधानी पूर्वक कदम बढ़ा रहे हैं। शुरुआती दौर में केवल चुनिंदा शहरों और एयरलाइंस को ही अनुमति मिलेगी। साथ ही सुरक्षा और नियमों से जुड़ी चुनौतियाँ भी बनी रहेंगी।
निष्कर्ष
भारत और चीन के बीच उड़ानों की बहाली को कूटनीतिक रिश्तों में पिघलती बर्फ का प्रतीक माना जा रहा है। यह कदम दोनों देशों के बीच सहयोग और भरोसे को आगे बढ़ा सकता है। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में यह पहल कितनी स्थायी साबित होती है।