Compensation For Animal-Bees Attacks In UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा की परिभाषा के दायरे को बढ़ाते हुए अब जंगली जानवरों और मधुमक्खियों के हमलों को भी राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया है। अब तक केवल कुछ अप्राकृतिक एवं सीमित प्राकृतिक घटनाओं को ही इस श्रेणी में माना जाता था, लेकिन अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले से होने वाली जनहानि भी सरकार की मुआवजा नीति के दायरे में आएगी।
राज्य आपदा मोचक निधि (एसडीआरएफ) की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस निर्णय को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की। इस संबंध में राहत आयुक्त कार्यालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा था जिसे स्वीकृति मिल गई है। स्वीकृति के बाद अब जल्द ही इस आशय की अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद इन घटनाओं को आधिकारिक रूप से राज्य आपदा की श्रेणी में माना जाएगा।
सरकार की मुआवजा नीति में संशोधन के बाद अब अगर लोमड़ी, सियार या मधुमक्खी के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाएगा। मुआवजा प्राप्त करने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट लगाई जाएगी जिसमें मृत्यु उक्त कारणों से हुई यह प्रमाणित होना आवश्यक होगा। इसके बाद पीड़ित परिवार को सरकार की आपदा राहत हेल्पलाइन 1070 या जिलाधिकारी/अपर जिलाधिकारी कार्यालय को सूचना देनी होगी। सूचना प्राप्त होने के बाद तहसील स्तर से रिपोर्ट बनाकर 24 से 72 घंटे के भीतर मुआवजे की राशि पीड़ित परिवार को प्रदान कर दी जाएगी।
अब तक राज्य आपदा की श्रेणी में आंधी-तूफान, बिजली गिरना, लू प्रकोप, नाव का डूबना, डूबकर मौत, बोरवेल में गिरना, सर्पदंश, गैस रिसाव, नीलगाय और सांड़ के हमले जैसे हादसे शामिल थे। अब इस श्रेणी में लोमड़ी, सियार और मधुमक्खियों के हमले भी जोड़ दिए गए हैं। सरकार का यह प्रयास उन ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के निवासियों के लिए राहत भरा है जो अक्सर वन्य जीवों या कीटों के हमलों का शिकार होते रहते हैं।